पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि राज्य में 100 फास्ट ट्रैक न्यायालयों का गठन किया जाएगा। जिसका उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन, न्यायालय का बोझ कम करना और संवेदनशील प्रकृति के मामलों पर उचित ध्यान और समय देना है।
उन्होंने कहा- राज्य के विभिन्न न्यायालयों में 18 लाख से अधिक लंबित मामलों के मद्देनजर ये फास्ट ट्रैक न्यायालय बड़ी राहत देने वाले साबित होंगे।
पटना में 8 फास्ट ट्रैक अदालतें प्रस्तावित
गृह मंत्री ने कहा कि पटना में 08 फास्ट ट्रैक अदालतें प्रस्तावित हैं जबकि गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में 04-04 अदालतें स्थापित की जाएंगी। नालंदा (बिहारशरीफ), रोहतास (सासाराम), सारण (छपरा), बेगूसराय, वैशाली (हाजीपुर), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), समस्तीपुर और मधुबनी में 03-03 फास्ट ट्रैक अदालतें बनाई जाएंगी।
इसी तरह पश्चिम चंपारण (बेतिया), सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर, नवादा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, कैमूर (भभुआ), बक्सर, भोजपुर (आरा), सीतामढ़ी, शिवहर, सीवान, गोपालगंज, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बांका, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय और खगड़िया में 02-02 फास्ट ट्रैक अदालतें संचालित होंगी।
इसके अतिरिक्त नवगछिया और बगहा उप-मंडलीय न्यायालय में 01-01 फास्ट ट्रैक अदालत स्थापित करने का प्रस्ताव है।
कर्मियों की नियुक्ति भी बड़े पैमाने
उन्होंने कहा कि जिलापदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से चिन्हित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन किया जाएगा। राज्य के 38 जिलों और उप-मंडलों में कुल 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाने के लिए कर्मियों की नियुक्ति भी बड़े पैमाने पर की जाएगी।
प्रत्येक अदालत के लिए आठ प्रकार के पदों यथा - बेंच क्लर्क, कार्यालय लिपिक, स्टेनोग्राफर, डिपोजिशन राइटर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, ड्राइवर, प्रोसेस सर्वर और चपरासी/ऑर्डर्ली के कुल-900 पदों पर नियुक्ति प्रस्तावित है।
79 आर्म्स एक्ट कोर्ट जल्द शुरू
चौधरी ने कहा- शस्त्र अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों के त्वरित निपटारे हेतु 79 न्यायालयों को एक्ट कोर्ट के रूप में नामित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि शस्त्र अधिनियम जैसे गम्भीर मामलों का शीघ्र समाधान कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा। राज्य सरकार न्यायिक प्रक्रिया को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि 100 फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन किया जाएगा।