Kosi Live-कोशी लाइव SAHARSA/सूखा नशा का अवैध कारोबार युवा पीढ़ी को कर रहा बर्बाद - Kosi Live-कोशी लाइव

KOSILIVE BREAKING NEWS

Thursday, July 31, 2025

SAHARSA/सूखा नशा का अवैध कारोबार युवा पीढ़ी को कर रहा बर्बाद

हर चौक-चौराहे पर उपलब्ध हो रहा कोरेक्स व सूखा नशा, कारोबारियों की खड़ी हो गयी है बड़ी जमात पतरघट. सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद से प्रतिबंधित कफ सिरप, देसी विदेशी शराब के साथ अब कफ सीरप स्मैक सहित विभिन्न प्रकार के सूखा नशा का अवैध कारोबार इन दिनों युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है. कोरेक्स व स्मैक के शौकीन युवा इन दिनों सुबह-शाम चाय-पान की गुमटियों में जमें रहते हैं. प्रशासनिक अधिकारियों की शिथिलता के कारण इससे जुड़ें तस्कर बेखौफ होकर पतरघट बाजार, पस्तपार बाजार, गोलमा बैंक चौक, विशनपुर हटिया चौक, कहरा मोड़ चौक, गोलमा गया भगत चौक, कपसिया चौक सहित सभी चौक-चौराहों पर युवाओं को नशा का सामान सुलभ तरीके से उपलब्ध हो रहा है. जिसके कारण इसकी इन दिनों जमकर बिक्री होती है. शराबबंदी से पूर्व सिर्फ दवा की दुकान में बिकने वाला कोरेक्स अब चाय पान की गुमटियों के साथ-साथ किराना दुकान तक में बिकने लगा है. पहले शहर व कस्बों तक उपलब्ध रहने वाला कोरेक्स, स्मैक अब गांव देहात में खेतों की पगडंडियों तक पहुंच गया है. जहां नजर डालें वहीं खाली बोतल का ढेर मिल रहा है. पूर्ण रोक है जरूरी कफ सीरप व सूखा स्मैक पर अब रोक अत्यंत आवश्यक हो गया है. यह 15 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक के युवाओं को बहुत तेजी से अपनी चपेट में लेकर उसके भविष्य एवं स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. लेकिन इस पर पूर्ण रूप से रोक लगाना स्थानीय पुलिस से संभव भी नहीं है. उनके पास इसके लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं. पुलिस को इसके सेवन करने वाले को पकड़ना संभव नहीं है. ब्रेथ एनालाइजर मशीन से कोरेक्स सीरप का सेवन करने वाले लोगों की जांच पूर्ण रूप से संभव ही नहीं है. प्रतिबंधित कफ सीरप कोरेक्स औषधि की श्रेणी में आता है. इसके लिए औषधि नियंत्रण विभाग को इसके बिक्री पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाना पड़ेगा. लाइसेंसी व गली मुहल्ले में खुले गैर लाइसेंसी दवा दुकानदारों द्वारा भी इसकी धडल्ले से बिक्री की जा रही है. कारोबारियों की है बड़ी जमात चाय पान की दुकान, किराना दुकान सहित स्वतंत्र रूप से कोरेक्स का धंधा करने वाले कारोबारियों की इन दिनों बड़ी जमात खड़ी हो गयी है. विभाग सिर्फ लाइसेंसी दवा दुकानों में ही कार्रवाई कर सकती है. इसपर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन एवं औषधि नियंत्रण विभाग को संयुक्त रूप से सघन अभियान चलाकर इससे जुड़े कारोबारियों पर कड़े कानून लगाना होगा. पुलिस द्वारा अवैध कोरेक्स के आरोप में पकड़े गये कारोबारियों पर धारा 30ए के तहत औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा पकड़े जाने पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई किया जाता है. प्रतिबंधित कफ सिरप की एमआरपी 132 रुपया मात्र है. लेकिन इससे जुड़े तस्कर प्रति बोतल दो से ढाई सौ रूपया में बेचते हैं. जबकि प्रति ग्राम स्मैक का पुड़िया इससे जुड़े तस्करों द्वारा लगभग पांच सौ रुपया में बेचा जा रहा है. नशा के सौदागरों द्वारा सस्ता व सुलभ तरीके से उपलब्ध कराए जाने के कारण क्षेत्र के युवाओं का भविष्य दिन प्रतिदिन बर्बाद होता जा रहा है. परिवारों में बढ़ रहा आंतरिक कलह नशापान के कारण युवाओं के परिवार में आंतरिक कलह का मामला काफी बढ़ता जा रहा है. पारिवारिक कलह के कारण पतरघट थाना हो या पस्तपार थाना इससे जुड़ें दर्जनों आवेदन प्रतिदिन आते हैं. प्रख्यात चिकित्सक डॉ शिवजी सिंह ने बताया कि सूखा नशा स्मैक एवं नशीली विस्कॉफ सीरप के सेवन से युवाओं का याददाश्त कमजोर होने के साथ किडनी, लीवर, पूरी तरह से खराब हो जाता है. पेट में पानी हो जाता है एवं आंखों की रौशनी चली जाती है. कैंसर व हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने युवाओं से अपील करते कहा कि इस तरह के सूखा नशा के सेवन से बिल्कुल बचना चाहिए. यह स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल नुकसानदायक है एवं परिवार में आंतरिक कलह का सबसे बड़ा मूल कारण है.