सहरसा में पुलिस के विशेष समकालीन अभियान के तहत संदिग्ध परिस्थिति में पकड़े गए दो युवकों और एक मोटरसाइकिल को बिना वरीय पदाधिकारी की अनुमति के छोड़ना सदर थाना के प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर और मुंशी को महंगा पड़ गया। पुलिस अधीक्षक हिमांशु ने दोनों पुलिसकर्मियों को अनुशासनहीनता और मनमानी के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हलचल मच गई है।
थानाध्यक्ष को जानकारी दिए बिना युवक और बाइक को छोड़ा
जानकारी के अनुसार, बीते 12 मार्च की रात विशेष समकालीन अभियान के तहत सदर थाना पुलिस ने सोनबरसा कचहरी थाना क्षेत्र के भरौली निवासी आदर्श कुमार और सहरसा सदर थाना क्षेत्र के गांधी पथ निवासी चंदन कुमार को एक मोटरसाइकिल के साथ संदिग्ध स्थिति में बटराहा स्थित रंगकर्मी पंकज के घर के पास से हिरासत में लिया था। दोनों युवकों को बाइक सहित पूछताछ के लिए थाना लाया गया था और उन्हें निगरानी में रखा गया था। लेकिन जब थानाध्यक्ष ने जांच-पड़ताल की तो पाया कि न तो मोटरसाइकिल थाने में है और न ही दोनों युवक। पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हुआ कि प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर सुमन कुमार सुमन और एएसआई सह थाना लेखक मिथिलेश कुमार ने पीआर बॉन्ड और मोटरसाइकिल का फाइन लेकर दोनों को छोड़ दिया था। यह पूरी कार्रवाई थानाध्यक्ष की जानकारी के बिना की गई थी।
अनुशासनहीनता और मनमानी को लेकर सख्त रुख
एसडीपीओ आलोक कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक ने इसे अनुशासनहीनता, मनमानी और पुलिस पदाधिकारी के आचरण के विपरीत मानते हुए दोनों को निलंबित कर दिया है। एसपी हिमांशु ने स्पष्ट किया कि बिना वरीय पदाधिकारी की अनुमति के ऐसे मामलों में छूट देना एक गंभीर लापरवाही है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
उसी रात पकड़ी गई थी 29.3 लीटर विदेशी शराब
गौरतलब है कि उसी रात पुलिस ने रंगकर्मी पंकज, उसके पुत्र आलोक कुमार और मैनेजर चितरंजन कुमार को 29.3 लीटर विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया था। इसी दौरान उक्त संदिग्ध बाइक और युवक भी पुलिस की नजर में आए थे। लेकिन बाद में बिना उचित प्रक्रिया के उन्हें छोड़ देना कई शंकाओं को जन्म देता है।
मुख्यालय में प्रतिनियुक्ति, जांच के संकेत
दोनों निलंबित पुलिसकर्मियों को फिलहाल पुलिस केंद्र मुख्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया है। इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है और संभावना है कि आगे और भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, बीते 12 मार्च की रात विशेष समकालीन अभियान के तहत सदर थाना पुलिस ने सोनबरसा कचहरी थाना क्षेत्र के भरौली निवासी आदर्श कुमार और सहरसा सदर थाना क्षेत्र के गांधी पथ निवासी चंदन कुमार को एक मोटरसाइकिल के साथ संदिग्ध स्थिति में बटराहा स्थित रंगकर्मी पंकज के घर के पास से हिरासत में लिया था। दोनों युवकों को बाइक सहित पूछताछ के लिए थाना लाया गया था और उन्हें निगरानी में रखा गया था। लेकिन जब थानाध्यक्ष ने जांच-पड़ताल की तो पाया कि न तो मोटरसाइकिल थाने में है और न ही दोनों युवक। पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हुआ कि प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर सुमन कुमार सुमन और एएसआई सह थाना लेखक मिथिलेश कुमार ने पीआर बॉन्ड और मोटरसाइकिल का फाइन लेकर दोनों को छोड़ दिया था। यह पूरी कार्रवाई थानाध्यक्ष की जानकारी के बिना की गई थी।
अनुशासनहीनता और मनमानी को लेकर सख्त रुख
एसडीपीओ आलोक कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक ने इसे अनुशासनहीनता, मनमानी और पुलिस पदाधिकारी के आचरण के विपरीत मानते हुए दोनों को निलंबित कर दिया है। एसपी हिमांशु ने स्पष्ट किया कि बिना वरीय पदाधिकारी की अनुमति के ऐसे मामलों में छूट देना एक गंभीर लापरवाही है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
उसी रात पकड़ी गई थी 29.3 लीटर विदेशी शराब
गौरतलब है कि उसी रात पुलिस ने रंगकर्मी पंकज, उसके पुत्र आलोक कुमार और मैनेजर चितरंजन कुमार को 29.3 लीटर विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया था। इसी दौरान उक्त संदिग्ध बाइक और युवक भी पुलिस की नजर में आए थे। लेकिन बाद में बिना उचित प्रक्रिया के उन्हें छोड़ देना कई शंकाओं को जन्म देता है।
मुख्यालय में प्रतिनियुक्ति, जांच के संकेत
दोनों निलंबित पुलिसकर्मियों को फिलहाल पुलिस केंद्र मुख्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया है। इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है और संभावना है कि आगे और भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।