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Friday, June 26, 2020

Google Pay के जरिये मनी ट्रांसफर करने वाले 7 करोड़ यूजर्स के लिए बड़ा खतरा, जानिए RBI की चेतावनी और गूगल का तर्क


नई दिल्ली : पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम गूगल पे (Google Pay) या (GPay) को लेकर उपभोक्ताओं में संशय की स्थिति बनी हुई है। वे यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर गूगल पे के ​जरिये भुगतान करना जारी रखें या फिर अपने मोबाइल से जल्द से जल्द इसे हटा लें। सोशल मीडिया पर भी उपभोक्ताओं की यह चिंता साफ नजर आ रही है।

हालांकि गूगल पे ने सोशल मीडिया पर नजर आ रही उपभोक्ताओं की इस चिंता को देखते हुए यह स्पष्टीकरण दिया है कि गूगल पे के जरिये उपभोक्ताओं का लेनदेन पूरी तरह से सुरक्षित है। गूगल पे ने साफ किया है कि आरबीआई, यानि भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI) और एनपीसीआई, यानि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के दिशानिर्देशों के तहत तय प्रक्रिया के अनुसार उसके मंच के जरिये किए जाने वाले लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हैं।

बता दें कि बीते दिनों दिल्ली हाइकोर्ट में वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा की ओर से दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान आरबीआई ने कहा था कि गूगल पे एक थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर है और वह किसी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है। याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान ऐप गूगल पे या जीपे (G pay) आरबीआई से अपेक्षित मंजूरियों के बिना वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है।

मिश्रा ने याचिका में दावा किया है कि जीपे भुगतान और निबटान कानून का उल्लंघन कर एक भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि उसके पास इस तरह के कार्यों के लिए देश के केंद्रीय बैंक से कोई वैध अनुमति नहीं है।

इसके बावजूद गूगल (Google) के एक प्रवक्ता ने कहा, सोशल मीडिया में कुछ जगह आरबीआई को गलत तरीके से उद्धृत करके यह दावा किया गया है कि गूगल पे के जरिये धन हस्तांतरण करना विधि सम्मत नहीं है, क्योंकि ये ऐप अनधिकृत है। यह गलत है और इसकी सच्चाई एनपीसीआई की वेबसाइट पर पता की जा सकती है। बता दें कि भारत में गूगल पे के लगभग 7 करोड़ एक्टिव मंथली यूजर्स हैं।

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हालांकि गूगल ने कहा है कि आरबीआई ने इस तरह की कोई बात अदालत की सुनवाई में नहीं कही है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि गूगल पे एक तृतीय पक्ष ऐप प्रदाता है और किसी भी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है। आरबीआई ने साथ ही कहा कि इसका संचालन 2007 के भुगतान और निबटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं है।

केंद्रीय बैंक ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि इसके संचालन से 2007 के भुगतान तथा निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं होता है। आरबीआई ने अदालत से यह भी कहा कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह एनपीसीआई की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है।

गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि यह अन्य थर्ड पार्टी के ऐप को प्रभावित करता है। इसलिए इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।