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Sunday, December 28, 2025

SAHARSA:मंडल कारा में बंद विचाराधीन कैदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

 



गले पर गहरे कट का निशान मिलने से आत्महत्या के दावे पर उठे सवाल, फॉरेंसिक जांच जारी

सहरसा। मंडल कारा सहरसा में बंद एक विचाराधीन कैदी की रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान बिहरा थाना क्षेत्र के बारा लालगंज निवासी स्व. जोखन साह के पुत्र 25 वर्षीय सुनील साह के रूप में हुई है। सुनील साह पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज कांड संख्या 46/24 में आरोपी था और 11 मार्च 2024 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद था।

रविवार को जेल प्रशासन ने उसके द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना दी, जिसके बाद जेल प्रशासन और कैदियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सुनील साह को मृत अवस्था में सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान मंडल कारा का पुलिस बल भी अस्पताल में मौजूद रहा।

सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार फॉरेंसिक टीम और पुलिस बल के साथ सदर अस्पताल पहुंचे। फॉरेंसिक टीम ने शव का गहन निरीक्षण किया। जांच के दौरान मृतक के गले पर गहरा कटा हुआ निशान पाया गया, जिससे आत्महत्या के दावे पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी मंडल कारा में एक अन्य कैदी द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आ चुका है। ऐसे में जेल की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

सदर अस्पताल पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक की वृद्ध मां अपने बेटे को देखने के लिए चीत्कार करती रहीं, लेकिन गले पर बने गहरे कट के निशान और शव की हालत देखकर किसी ने उन्हें दिखाने की हिम्मत नहीं की। अंततः छोटा बेटा किसी तरह मां को वहां से घर लेकर गया।

परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया

मृतक के छोटे भाई पिंटू साह ने जेल प्रशासन और पुलिस के आत्महत्या के दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे हत्या बताया है। उन्होंने बताया कि रविवार दोपहर उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया कि आपके भाई की हालत गंभीर है, तुरंत सदर अस्पताल आइए। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें भाई की मौत की सूचना दी गई।

पिंटू साह का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि बेरहमी से गला काटकर की गई हत्या है। उन्होंने बताया कि उनकी मां तीन दिन पहले ही सुनील से जेल में मुलाकात कर कपड़े और जरूरी सामान देकर आई थीं। उस समय सुनील बिल्कुल ठीक था और उसने किसी भी तरह की परेशानी की बात नहीं कही थी।

परिजनों का यह भी आरोप है कि सुनील को रेप केस में झूठा फंसाया गया था और उसी मामले में वह जेल में बंद था।

जांच में जुटी पुलिस

फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि हर पहलू से मामले की जांच की जा रही है और किसी भी सच्चाई को छिपाया नहीं जाएगा।

इधर परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।