बिहार के वैशाली में बाढ़ पीड़ितों को पैसा बांटना सांसद पप्पू यादव को महंगा पड़ गया है. इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें नोटिस थमाया है.सांसद पप्पू यादव को इनकम टैक्स विभाग द्वारा नोटिस भेजकर यह पूछा गया है की कहाँ से इतने पैसे लाते है.
हलाकि पप्पू यादव और इनके समर्थक इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक कदम बताया है।

इनके समर्थक पिंटू यादव नें कहा यह नोटिस उस कार्य को लेकर भेजा गया है,जो हर जनप्रतिनिधि और संवेदनशील नागरिक का नैतिक दायित्व है. बिहार के वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गाँव में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने सैकड़ों परिवारों को उजाड़ दिया।इनका घर-द्वार, खेत-खलिहान और जीवन की बुनियादी व्यवस्था गंगाजी की प्रचंड धारा में पूरी तरह विलीन हो गई।

ऐसे समय में सांसद पप्पू यादव जी वहाँ पहुँचे,राहत सामग्री और आर्थिक सहयोग प्रदान किया जबकि यह क्षेत्र उनके संसदीय क्षेत्र से बाहर हैऔर वहाँ के चुनावों में उनकी कोई प्रत्यक्ष राजनीतिक भागीदारी भी नहीं रही है।उनका यह कदम न राजनीति से प्रेरित था,न किसी प्रचार का हिस्सा,बल्कि पूरी तरह मानवता और संवेदना से प्रेरित सेवा-भाव था।अगर बाढ़ पीड़ितों की मदद करना अपराध है, तो वह यह अपराध हमेशा करते रहेंगे.

मेरा यह स्पष्ट मानना है किजनसेवा, मानवता और करुणा को कभी भी 'संदेह' या 'अनियमितता' के दायरे में नहीं देखा जाना चाहिए।जो व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ या क्षेत्रीय हित के वंचितों और पीड़ितों के बीच राहत पहुँचाता है,वह समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।हम यह मानते हैं किराजनीति का सर्वोच्च स्वरूप जनसेवा ही है।

पप्पू यादव ने जिस संवेदनशीलता और तत्परता से बाढ़ पीड़ितों की मदद की,वह इस बात का प्रमाण है कि बिहार में अब भीऐसे नेता हैं जो जनता के दुख-दर्द को प्राथमिकता देते हैं।

मैं केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह करता हूँ कि ऐसे सेवा कार्यों को संदेह के घेरे में लाने के बजायसराहना की दृष्टि से देखा जाए।आपदा राहत में किया गया हर योगदानप्रशंसा का पात्र है, न कि कार्रवाई का विषय।सांसद पप्पू यादव हमेशा वंचित, असहाय और पीड़ित जनता के साथ खड़े रहे हैंऔर आगे भी मानवता की राह पर चलते रहेंगे।