खाते की डिटेल्स निकलवाई तो उड़े होश
दरअसल, विभा कुमारी को यह खबर तब लगी जब वे मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना अंतर्गत अपने जीविका समूह के तहत मिलने वाली 10 हजार रुपए की सरकारी सहायता राशि की जानकारी के लिए पास के ही एक व्यक्ति के पास गई। जब उन्होंने अपने खाते की जानकारी निकलवाई, तो वहां जो रकम दिखी, उसे देखकर सबके होश उड़ गए। खाते में दस हजार नहीं, बल्कि पूरा 1 अरब 23 लाख 56 हजार रुपए दर्ज था।
पड़ोसी ने चौंकते हुए बताया कि खाते में तो अरबों रुपए हैं, लेकिन खाता फ्रीज दिखा रहा है। पहले तो विभा कुमारी को लगा कि शायद कोई गलती या तकनीकी गड़बड़ी है, लेकिन जब दोबारा चेक कराया गया तो वही आंकड़ा सामने आया। उन्होंने घबराकर तुरंत अपने पति मिथिलेश पासवान को पूरी बात बताई।
दिवाली के दिन आए थे पैसे
मिथिलेश पासवान, जो पेशे से किसान हैं उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना अंतर्गत जीविका समूह के जरिए महिलाओं के लिए दी जा रही सरकारी सहायता योजना में आवेदन किया था। आवेदन के दौरान उन्होंने एनएसडीएल पेमेंट बैंक का खाता विवरण दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि खाते में दस हजार रुपए आएंगे,लेकिन दिवाली के दिन तो मानों लक्ष्मी माता ने ही मेहरबानी कर दी।
हालांकि यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी,क्योंकि खाते की स्थिति फ्रीज बताई जा रही थी। मिथिलेश ने बताया कि वे इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस से कर जांच की मांग करेंगे ताकि सच्चाई सामने आ सके। उधर, बैंक के सीएसपी संचालक घनश्याम कुमार साह ने पुष्टि करते हुए कहा, हमें शुक्रवार को जानकारी मिली कि विभा कुमारी के खाते में इतनी बड़ी राशि है। मामला काफी अजीब है,इसलिए हमने तुरंत बैंक के उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है।
इलाके में चर्चा का विषय बनी यह घटना
अब सवाल यह उठता है कि एक आंगनबाड़ी सेविका के खाते में इतनी बड़ी राशि आखिर आई कहां से ? क्या यह किसी सरकारी गड़बड़ी का नतीजा है, किसी साइबर एरर का कमाल, या फिर किसी बड़े खेल का हिस्सा? जिले भर में अब इस घटना की चर्चा सरेआम हो रही है। यह घटना इलाके के लोगों के बीच सुर्खियों में है। लोगों का कहना है कि दिवाली पर सच में लक्ष्मी आई हैं , तो कोई इसे डिजिटल गड़बड़ी बता रहे है। फिलहाल स्थानीय प्रशासन मामले की जांच में जुटी है। वहीं अब इस अरबपति सेविका की कहानी छातापुर ही नहीं,पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोर रही है।
रिपोर्ट- संत सरोज, सुपौल