फुलपरास प्रखंड के रामनगर पंचायत में मुसहरनिया गांव के 70 वर्षीय ठकाई यादव और 65 वर्षीय जगिया देवी ने प्रेम विवाह कर एक नई मिसाल कायम की है. यह कहानी न केवल दिल को छूती है, बल्कि समाज को प्रेम की ताकत का एहसास भी कराती है.
प्रेम की अनोखी शुरुआत
मधुबनी के मुसहरनिया गांव में रहने वाले 70 वर्षीय ठकाई यादव, जिन्हें लोग प्यार से घोड़ावाला भी कहते हैं, और 65 वर्षीय जगिया देवी की प्रेम कहानी पिछले सात सालों से चली आ रही थी. दोनों अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते हैं और अपने-अपने परिवारों में नाती-पोतों के दादा-दादी हैं. जगिया देवी 20 साल पहले विधवा हो चुकी थीं, लेकिन उनके दिल में प्यार की चिंगारी तब जली, जब उनकी मुलाकात ठकाई से हुई. यह रिश्ता समय के साथ गहरा होता गया और गांव में चर्चा का विषय बन गया.
पंचायत का फैसला
हाल ही में जब ग्रामीणों ने ठकाई और जगिया को एक बगीचे में आपत्तिजनक स्थिति में देखा, तो मामला पंचायत तक पहुंच गया. रामनगर पंचायत ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद एक अनोखा फैसला सुनाया. पंचायत ने तय किया कि ठकाई और जगिया की शादी करवा दी जाए. ग्रामीणों की मौजूदगी में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ यह शादी संपन्न हुई. यह फैसला न केवल दोनों प्रेमियों के लिए खुशी का पल था, बल्कि गांव में एक नई मिसाल भी बना.
सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस शादी ने मुसहरनिया गांव और आसपास के इलाकों में खूब सुर्खियां बटोरीं. कुछ लोग इस प्रेम विवाह को उम्र के आखिरी पड़ाव पर सच्चे प्यार की जीत मान रहे हैं. उनका कहना है कि ठकाई और जगिया ने यह दिखा दिया कि प्रेम की कोई उम्र या जाति नहीं होती. वहीं, कुछ लोग इसे सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ मानते हैं और इसकी आलोचना कर रहे हैं. इस विवाद के बावजूद, यह प्रेम कहानी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है, और लोग इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं.