बिहार में भागलपुर जिले के रंगरा प्रखंड स्थित चापर गांव के वीर सपूत अंकित यादव उर्फ धीरज यादव जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए. 27 वर्षीय अंकित, लक्ष्मी यादव के पुत्र थे और अपनी बहादुरी के लिए पूरे इलाके में जाने जाते थे.
कोसी की बाढ़ में घिरा शहीद का गांव
अंकित का गांव इस समय कोसी नदी की बाढ़ में घिरा हुआ है. घर-आंगन तक पानी भर आया है, जिससे अंतिम यात्रा की तैयारी में नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. बाढ़ और शहादत की इस दोहरी त्रासदी ने गांव का माहौल और भी गमगीन बना दिया है.
अंकित, लक्ष्मी यादव के पुत्र थे और अपनी बहादुरी के लिए पूरे इलाके में सम्मानित माने जाते थे. वे अपने पीछे पत्नी रुबी देवी, चार वर्षीय पुत्र कीनू बाबू और दो वर्षीय बेटी को छोड़ गए हैं. उनके बड़े भाई निरंजन यादव, मिथलेश यादव (RPF) और मुकेश यादव (सेना से रिटायर्ड) भी देश की सेवा में रहे हैं.
उरी सेक्टर में वीरता की मिसाल
बीते मंगलवार, जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के उरी सेक्टर में टिका पोस्ट के पास घुसपैठ की कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. इस मुठभेड़ में हवलदार अंकित यादव ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और वीरगति को प्राप्त हो गए.
पूरा बिहार कर रहा सलाम
नवगछिया अनुमंडल से लेकर पूरे भागलपुर जिले तक, हर कोई शहीद अंकित की बहादुरी और बलिदान को सलाम कर रहा है. उनके बलिदान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार की धरती वीरों की जननी है.