Bihar News: बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य के बीच एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई सामने आई है. कटिहार जिला के बारसोई के प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) हरिओम शरण को निलंबित कर दिया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने निर्वाचन कार्यों को लेकर अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक एवं असत्य प्रचार किया, जिससे निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया को लेकर जनमानस में भ्रम उत्पन्न हुआ.
जिलाधिकारी के माध्यम से उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन उनका उत्तर असंतोषजनक पाया गया. इसके बाद विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. यह कदम यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग किसी भी स्तर पर निर्वाचन प्रक्रिया में हस्तक्षेप या भ्रामक सूचना को बर्दाश्त नहीं करेगा.
BDO ने पुनरीक्षण कार्य को बनाया विवाद का विषय
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, बारसोई के BDO हरिओम शरण ने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के संदर्भ में अलग-अलग समाचार पत्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी टिप्पणियां कीं, जो न केवल भ्रामक थीं, बल्कि सीधे तौर पर निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाती थीं. यह आचरण लोक सेवा नियमावली और चुनावी मर्यादा दोनों का उल्लंघन माना गया.
निर्वाचन कार्य में हस्तक्षेप पर सख्ती, FIR की चेतावनी
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी निर्वाचन प्रक्रिया में लापरवाही या बाधा उत्पन्न करेगा, उसके विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के अंतर्गत FIR दर्ज की जाएगी. किसी भी प्रकार की राजनीतिक या व्यक्तिगत राय को चुनावी प्रक्रिया में घुलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बीएलओ कर रहे जमीनी कार्य, डाटा अपलोड में भी प्रगति
पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर एन्युमरेशन फॉर्म का वितरण, संग्रहण और BLO ऐप के माध्यम से अपलोडिंग का कार्य जारी है. अब तक 83 प्रतिशत फॉर्म जमा हो चुके हैं और 65.67 प्रतिशत डाटा अपलोड किया जा चुका है. प्रशासन ने सभी निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि 26 जुलाई तक लक्ष्य को 100 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए.