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Wednesday, March 5, 2025

MADHEPURA/जेल सुपरिटेंडेंट ने जेलर-डॉक्टर को दी भद्दी-भद्दी गालियां, AUDIO: जेलर का आरोप- धमकी के बाद आया था हार्ट अटैक


मधेपुरा जेल के सुपरिटेंडेंट संजय कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ है। इसमें वो जेलर संजय कुमार गुप्ता और डॉक्टर सुशील कुमार साहनी को भद्दी-भद्दी गालियां देते सुनाई दे रहे हैं। इस मामले पर डॉक्टर और जेलर ने 3 मार्च को DM, SP, मानवाधिकार आयोग को लिखित आवेदन देकर सुरक्षा और न्याय की मांग की है।

वहीं, ऑडियो 1 मार्च का है, जो बुधवार सुबह से वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में सुपरिटेंडेंट ने डॉक्टर सुशील कुमार को कॉल कर कहा,

सुपरिटेंडेंट- आप मेरे ऑफिस में क्या कर रहे थे? डॉक्टर- ऑफिस ऐसे ही घूमने गए थे। सुपरिटेंडेंट- आपके साथ जेलर साहब क्या कर रहे थे? डॉक्टर- जेलर क्या कर रहे थे, हमको क्या पता? वो पहले से ही वहां पर मौजूद थे। जेलर साहब पेपर सब देख रहे थे। सुपरिटेंडेंट- जेलर मेरा कागज देखेगा, उसकी उतनी औकात है। वो क्यों नहीं कलेक्टर बन गया था।

इसके बाद सुपरिटेंडेंट ने भद्दी-भद्दी गालियां देना शुरू कर दिया। फिर धमकाते हुए कहा कि आते हैं हम। उसका क्या हालत करते हैं, रूकिए। काम करता है नहीं और इधर-उधर की बातें करता है।

वहीं, जेल अधीक्षक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।

 - Dainik Bhaskar

जेल अधीक्षक अपने पद का दुरुपयोग कर रहे

जेलर संजय कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया है कि जेल अधीक्षक संजय कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर मनमानी चला रहे हैं। कर्मियों के सामने उन्हें जलील किया जाता है। गाली-गलौज की जाती है। बार-बार निलंबन की धमकी दी जाती है।

जेलर गुप्ता ने आगे बताया 15 फरवरी को जेल अधीक्षक ने उन्हें आवास पर बुलाकर धमकाया और अपमानित किया। इस घटना के महज 30 मिनट बाद ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया। इसके बाद उनका इलाज मेडिकल कॉलेज में हुआ और उनकी जान बच सकी है।

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बीमार पड़ने पर सारा आरोप डॉक्टर पर लगा दिया जाता

डॉक्टर सुशील कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा-

राशन सामग्री की खरीद-फरोख्त में फेरबदल किया जा रहा है। अनियमितताएं बरती जा रही हैं। फर्जी बिल बनाकर घोटाले किए जा रहे हैं। उनसे जबरन फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करवाने का दबाव डाला जाता है। जब वे इससे इनकार करते हैं, तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। जेल में कैदियों को ठीक से भोजन नहीं दिया जाता। इससे वे कमजोर होकर बीमार पड़ जाते हैं। लेकिन जब उनकी तबीयत बिगड़ती है, तो सारा दोष डॉक्टरों पर डाल दिया जाता है।

DM ने गठित की जांच कमेटी

इस विवाद को लेकर मधेपुरा के जिलाधिकारी तरनजोत सिंह ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।