बेगुनाह फंसे नहीं, गुनहगार बचे नहीं की तर्ज पर कार्य कर रही जिला पुलिस के कार्यों की लगातार सराहना की जा रही है. लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ने लगा है. जबकि पूर्व में लोगों के अंदर पुलिस के प्रति गलत धारणा बन गयी थी कि पुलिस अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए किसी भी मामले में कई बेगुनाहों को झूठे केस में फंसाकर उसका भविष्य खराब कर दे रही थी. उसी धारणा को बदलने के लिए पुलिस अधीक्षक हिमांशु ने निर्देशन एवं सदर एसडीपीओ आलोक कुमार के नेतृत्व में किसी भी घटना में संलिप्त आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई कर सिर्फ उसे ही न्यायिक हिरासत में भेज रही है एवं बेगुनाहों को गुनहगार बनने से बचा रही है. कई घटनाओं का हुआ त्वरित उद्भेदन सदर एसडीपीओ आलोक कुमार की सजगता एवं गहन छानबीन ने तीन बेगुनाहों को गुनहगार बनने से बचा लिया. एक मामला हाल ही में हुए गोली कांड मामले में पुलिस ने गोली से जख्मी घायल के बयान पर तीन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था. जबकि तीनों नामजद में से दो पूरी तरह से बेगुनाह था. जिसे घटना से संबंधित कोई जानकारी भी नहीं थी. लेकिन पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सदर एसडीपीओ ने घटना की गहनता से जांच करते त्वरित उद्भेदन कर दिया. जिसमें घटना का मुख्य कारण घायल युवक को गोली खुद से लगी थी और दो युवक को आपसी पुराने विवाद में अपने बयान में नामजद बना दिया था. वहीं दूसरा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में गठित टीम में शामिल सदर थाना की दो महिला एसआई पुष्पम भारती व खुशबू कुमारी के बेहतर अनुसंधान ने घटना में संलिप्त मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. जबकि भय के साये में पीड़ित बच्ची व उसके पिता के गलत बयान ने एक बेगुनाह को नामजद कर दिया था. जिसे पुलिस अनुसंधान के बाद छोड़ दिया गया. वहीं सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में सीएसपी संचालक से लुट, छिनतई, हत्या, चोरी जैसे कई मामले हैं जिसका घटना के कम समय में ही सफल उद्भेदन भी कर लिया गया है.
पुलिस के प्रति लोगों का बढ़ रहा विश्वास , इस माह तीन बेगुनाह को आरोपी बनने से पुलिस ने बचाया सहरसा. जिले में किसी भी बड़ी घटना को लेकर पुलिस की त्वरित सफलता से जिलेवासियों में पुलिस के प्रति लगातार उम्मीद जग रही है.