जदयू प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने मंगलवार को राजद विधायक नेमतुल्लाह और पूर्व केंद्रीय मंत्री दशई चौधरी को जदयू की सदस्यता दिलायी। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि राजद में किसी का कोई सम्मान नहीं है और वहां पैसा लेकर ही टिकट मिलता है। मौके पर कांग्रेस के सीतामढ़ी जिलाध्यक्ष विमल शुक्ला और शिवहर जिला प्रभारी आदित्य मिश्रा ने भी अपने समर्थकों के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण की।
इस मौके पर बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुछ लोग तरह-तरह का भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में विकास ही मुद्दा है। जनता ने नीतीश कुमार के काम को देखा है। राजद के शासन में अपहरण उद्योग चलता था, नीतीश सरकार ने 15 साल में 6 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां लोगों को दी हैं।
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पूर्व सांसद दशईं चौधरी ने कहा कि राजद में अब युवराज का राज है। वे किसी से बात भी नहीं करते हैं। नेताओं का अपमान करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के विकास से प्रभावित होकर उन्होंने जदयू की सदस्यता ली है। विधायक नेमतुल्लाह ने राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर मुस्लिमों को अपमानित करने का आरोप लगाया। कहा कि मुसलमानों के लिये नीतीश सरकार ने एक से बढ़कर एक काम किये हैं। लेकिन राजद ने उन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर छोड़ दिया है।
जेडीयू ने दो और बागियों को पार्टी से निकाला
जदयू ने टिकट नहीं मिलने से बागी होकर मैदान में उतरे पार्टी के दो लोगों की सदस्यता निलंबित कर दी है। प्रदेश जदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने नालंदा जिले के हरनौत से चुनाव लड़ रही ममता देवी और ई. अशोक कुमार सिंह को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए छह साल के निष्कासित कर दिया है। जदयू महासचिव अनिल कुमार ने पार्टी विरोधी गितिविधियों के कारण प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दोनों पर की गई इस कार्रवाई की जानकारी दी।
गौरतलब हो कि ममता देवी हरनौत सीट से लोजपा के टिकट पर जबकि ई. अशोक कुमार सिंह भी इसी विस क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ममता देवी हरनौत से जदयू का टिकट चाह रही थीं और इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों के संग पार्टी मुख्यालय पहुंचकर हंगामा भी किया था, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने लोजपा के सिम्बल पर नामांकन किया है।
इन दोनों को मिलाकर कुल 22 लोगों को जदयू अध्यक्ष ने अबतक पार्टी से निकाला है। इससे पहले निकाले गए नेताओं में पूर्व मंत्री श्रीभगवान कुशवाहा, विधायक रवि ज्योति, पूर्व विधायक रामचंद्र सदा एवं ललन भूइयां, विधायक ददन सिंह यादव, पूर्व मंत्री रामेश्वर पासवान, पूर्व विधायक रणविजय सिंह, पूर्व विधायक सुमित सिंह, महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष कंचन गुप्ता, अतिपिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य प्रमोद चंद्रवंशी के साथ ही अरुण कुमार, तजम्मुल खां, अमरेश चौधरी, शिवशंकर चौधरी, सिंधु पासवान, करतार सिंह यादव, डॉ. राकेश रंजन, राजू गुप्ता और मुंगेरी पासवान शामिल हैं।