भूख से बिलख रहे बच्चों को रोटी की दरकार
घर का सामान जितना उठाकर ले जा सकते थे ले गए और अब ऐसे में जब बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश कर चुका है लोगों मध्य विद्यालय खापुर के छत पर शरण ले ली है. गांव की निवासी शनिचरी देवी का कहना है कि पिछले चार दिनों से सभी लोग छत पर ही रह रहे हैं. खाना बनाना मुश्किल है ऐसे में बच्चे भूख से परेशान हैं. अबतक ना तो प्रशासन की तरफ से कोई राहत सामग्री दी गई है और ना ही कोई व्यवस्था की गई है. गांव की ही रहने वाली सावित्री देवी अपने पांच बच्चों के साथ पीछे चार दिनों से स्कूल में शरण ली हुई हैं. सावित्री देवी अपना आक्रोश जताते हुए बताती हैं कि चुनाव के समय नेता हर दिन गांव आते हैं. बड़े-बड़े दावे करते हैं पर आज सभी लोग डूबे हुए है तो देखने वाला कोई नहीं है.
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प्रशासन ने अबतक नही ली कोई सुध
आलमनगर का खापुर गांव पानी में जलमग्न है पर प्रशासन ने अबतक कोई सुध नही ली है. ना तो कोई राहत सामग्री बांटा गया और ना ही लोगो के लिए नाव की व्यवस्था की गई है. गांव के मुखिया मुकेश कुमार का कहना है कि इसकी सूचना मैंने जिला मुख्यालय तक दी है पर प्रशासन इसे अब भी बाढ़ नहीं मानता है. जिला के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति होती रहती है.