सहरसा। दियारा के कुख्यात बदमाश रामानंद यादव की हत्या के बाद दियारा पर पुलिस की पैनी नजर है। दियारा इलाके में पुलिस लगातार गश्त लगा रही है। किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होगी। पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि रामानंद यादव के परिजनों के बयान पर केस दर्ज किया गया है। जिसके आधार पर नामजद लोगों की गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा कि इस घटना में कौन लोग शामिल हैं, उसकी भी छानबीन की जा रही है।
उन्होंने बताया कि रामानंद यादव फिलहाल फरार चल रहा था। गिरफ्तारी को लेकर कई बार छापेमारी हो चुकी है। जबकि इसके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि सहरसा के अलावा खगड़िया, दरभंगा में भी इसपर मामला दर्ज है। जिसमें लूट, आर्म्स एक्ट का समेत अन्य मामला है। उन्होंने कहा कि दियारा में विशेष टीम लगातार अभियान चला रही है। नक्सली की सुगबुगाहट पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई सूचना नहीं है। आपसी वर्चस्व को लेकर हत्या होने की बात सामने आ रही है। जिसको लेकर पुलिस पूरी तरह सजग है।
रामानंद की हत्या के बाद दियारा में हलचल तेज
सहरसा। दियारा क्षेत्र का कुख्यात रामानंद यादव की हत्या के बाद जहां दियारा में हलचल तेज हो गई है, वहीं उसके पैतृक गांव में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं घटना के बाद पुलिस की सक्रियता भी बढ़ गई है। देर रात बख्तियारपुर पुलिस इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार, बख्तियारपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार, चिड़ैया ओपी प्रभारी फहीमउल्लाह, सलखुआ थानाध्यक्ष एम रहमान पुलिस बलों के साथ दियारा पहुंचकर शव को गुरूवार सुबह बख्तियारपुर थाना लाया जहां से पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सहरसा भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इधर हत्या के संबंध में उनके छोटे पुत्र रौशन कुमार ने बताया कि नक्सलियों ने छोटे बदमाश गिरोह से मिलकर दियारा में अपनी जगह बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से उनके पिता की हत्या कर दी। उनके नहीं रहने से मेरे परिवार पर नक्सलियों से खतरा मंडराने लगा है।
----
पुलिस की नजर में फरार था रामानंद
कोसी दियारा- फरकिया क्षेत्र में हमेशा से बदमाशों का गढ़ रहा है। दियारा में कुख्यात गोहल यादव की मौत के बाद रामानंद यादव ने दियारा क्षेत्र की कमान संभाल ली थी। रामानंद यादव गिरोह एवं नक्सलियों में बराबर खूनी संघर्ष का बहुत पुराना इतिहास रहा है। फिलहाल रामानंद पुलिस के नजर में फरार चल रहा था।
----
एसटीएफ की होती रही है कार्रवाई
18 नवंबर 2016 को एसटीएफ की टीम ने रामानंद गिरोह की सफाया करने के उद्देश्य से चिड़ैया ओपी के बेलाही गांव में घेराबंदी कर रामानंद को पकड़ने का पूरा प्रयास किया था। लेकिन दोनों तरफ से हुए मुठभेड़ के बाद रामानंद भागने में सफल हो गया था। हालांकि रामानंद यादव का पुत्र रौशन एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। साथ ही दो राइफल, एक पिस्टल और एक देशी कट्टा समेत एक सौ जिदा कारतूस बरामद की गई थी। 2009 में रामानंद यादव को एसटीएफ की टीम ने अलोली के गुरदीकोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 2013 के लगभग में बेलाही-कलबाड़ा के बीच रामानंद यादव गिरोह एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सत्यनारायण प्रसाद के नेतृत्व में मुठभेड़ के बाद रामानंद यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसमें एक पुलिस जवान को गोली लगी थी। वर्ष 2015 में दियारा - फरकिया के कुख्यात बदमाश रामपुकार यादव गिरोह के विपिन व दिनेश यादव सहित कुल सात बदमाशों को भारी मात्रा में हथियार व कारतूस के साथ एसटीएफ ने गिरफ्तार जेल भेज दिया था।
----
चिड़ैया ओपी पर नक्सली हमले में किया था पुलिस का सहयोग
---
वर्ष 2007 में चिड़ैया ओपी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में नक्सलियों द्वारा सैप के एक जवान अर्जुन सिंह की हत्या कर दी गयी थी। उस वक्त अपने गिरोह के साथ रामानंद ने नक्सलियों से मुकाबला किया था। इसके बाद वो कुछ दिनों के लिए पुलिस के सहयोगी के रूप में इलाके में चर्चा में आया था।