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सहरसा। कोरोना वायरस को लेकर रविवार को जनता कर्फ्यू रहने के बाद भी जिलाधिकारी कौशल कुमार और एसपी राकेश कुमार मूवमेंट में रहे और पूरी गतिविधि की जानकारी लेते रहे। एसपी ने बताया कि मार्च माह का समय है जिसके कारण लंबित बिल का निष्पादन गोपनीय शाखा में बैठकर करते रहे। इसके अलावा तीन-चार थाने का निरीक्षण प्रतिवेदन था जिसे पूरा कर रिपोर्ट बनाया गया। वैसे कुछ समय बच्चों और परिवार के साथ भी व्यतीत किया। हालांकि वायरस से बचाव को लेकर जागरूकता व जांच के लिए सहरसा आने वाली ट्रेनों पर पूरी नजर रखी जा रही थी। किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं हो इसको लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाता रहा। इसके अलावा शहरी क्षेत्र का भी लगातार जायजा लेते रहे ताकि लोगों के बीच कोई अफवाह नहीं फैला सके। दूसरी ओर जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि गोपनीय शाखा में कार्यालय का काम निपटाते रहे और पूरी जानकारी लेते रहे। सहरसा आनेवाली ट्रेनों पर नजर रखी जा रही थी। हर यात्रियों की स्क्रीनिग हो सके। इसको लेकर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती कराई गई। इसके अलावा शहरी क्षेत्र का जायजा लिया गया। डीएम व एसपी द्वारा लगातार अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को निर्देश देते दिखाई दिए। जबकि फीडबैक लेकर स्वास्थ्य विभाग से भी समन्वय बनाकर हरसंभव सहयोग लोगों को मिले, इस दिशा में प्रयास किया गया।
सहरसा। कोरोना वायरस को लेकर रविवार को जनता कर्फ्यू रहने के बाद भी जिलाधिकारी कौशल कुमार और एसपी राकेश कुमार मूवमेंट में रहे और पूरी गतिविधि की जानकारी लेते रहे। एसपी ने बताया कि मार्च माह का समय है जिसके कारण लंबित बिल का निष्पादन गोपनीय शाखा में बैठकर करते रहे। इसके अलावा तीन-चार थाने का निरीक्षण प्रतिवेदन था जिसे पूरा कर रिपोर्ट बनाया गया। वैसे कुछ समय बच्चों और परिवार के साथ भी व्यतीत किया। हालांकि वायरस से बचाव को लेकर जागरूकता व जांच के लिए सहरसा आने वाली ट्रेनों पर पूरी नजर रखी जा रही थी। किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं हो इसको लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाता रहा। इसके अलावा शहरी क्षेत्र का भी लगातार जायजा लेते रहे ताकि लोगों के बीच कोई अफवाह नहीं फैला सके। दूसरी ओर जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि गोपनीय शाखा में कार्यालय का काम निपटाते रहे और पूरी जानकारी लेते रहे। सहरसा आनेवाली ट्रेनों पर नजर रखी जा रही थी। हर यात्रियों की स्क्रीनिग हो सके। इसको लेकर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती कराई गई। इसके अलावा शहरी क्षेत्र का जायजा लिया गया। डीएम व एसपी द्वारा लगातार अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को निर्देश देते दिखाई दिए। जबकि फीडबैक लेकर स्वास्थ्य विभाग से भी समन्वय बनाकर हरसंभव सहयोग लोगों को मिले, इस दिशा में प्रयास किया गया।