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आज देश के कई बड़े नेताओं और लोगों के द्वारा विरोध हो रहा है ।कई जगह तो आगजनी भी हो रही है लेकिन सवाल ये की आखिर क्यों ? इसका जबाब है कि हम बिल को सही तरह से समझ नहीं पाए ।इसके पहली पहलूँ ये है कि स्वयं गृहमंत्री ने राज्यसभा में स्पष्ट कर दिया है कि भारत के किसी भी धर्म के लोगों अर्थात वो मुस्लिम ही क्यों ना हो उसके साथ कोई भी किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा ।वही इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है अन्य देशों से आने वाले नागरिक को भी भारत नागरिकता दी जाएगी लेकिन विधिवत तरीके से ।दूसरी पहलूँ ये है कि जिस हिन्दू पर अन्य देशों (केवल तीन ) में अत्याचार हो रहे है उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी ।क्योंकि एक आंकड़े के अनुसार सिर्फ हिन्दू पाक में 23 -24 प्रकाशित थी लेकिन आज लगभग 7% है और आए दिनों हम पाक की अराजक स्थिति से बखूबी वाकिफ है जैसे सिख लड़की के साथ जबरन शादी ।तथा धर्म परिवर्तन और ना जाने कितने अत्याचार हो रहे है ।वही जब गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस बिल से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी ।तथा कोई भी (मुस्लिम समुदाय )नागरिकता बनाने की अपील कर सकता है और उसे नागरिकता दी जाएगी ।तो आखिर इसका विरोध क्यों ? हम सवाल उठाना चाहे तो बहुत अनर्गल सी बातें है ।जैसे मुस्लिम इसमें क्यों नहीं है ? तो जाहिर सी बात है इसमें की अफगानिस्तान , बंगलादेश , पाकिस्तान (तीन देश ) एक मुस्लिम राष्ट्र है जिसमें सम्भवतः वहाँ उसके साथ प्रताड़ना नहीं होती होगी ।लेकिन अगर होती है तो उसे यहां (भारत) की नागरिकता दी जाएगी । हम तो पहले ये भी सवाल उठा सकते थे कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से केवल मुस्लिम आकर रह सकते थे (धारा 370 के समय) यहाँ तक के भारत के अन्य राज्य से कोई वहाँ रह नहीं सकता था (जमीन लेकर ) तथा कई सवैधानिक अधिकार का हनन हो रहा था तो उस समय विरोध क्यों नहीं हुआ ??अंततः हमें होना
चाहिए कि पहले हम इस बिल के बारे में पूरी तरह जाने फिर विरोध या समर्थन करें ना कि किसी के भ्रमिक बयान पर उत्पाद मचाएं ।
मनकेश्वर महाराज " भट्ट"
साहित्यकार , शिक्षक
रामपुर डेहरू , मधेपुरा , बिहार
विशेष -
*ये लेखक के व्यक्तिगत विचार है । जो पारदर्शिता को दर्शाता है और लेखक किसी पार्टी विशेष के समर्थक नहीं है ।तथा लेखक के लेख , आलेख , कविता , कहानी ,विचार ,अभिव्यक्ति कई तरह के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित होते रहते है ।
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मनकेश्वर महाराज " भट्ट" |
आज देश के कई बड़े नेताओं और लोगों के द्वारा विरोध हो रहा है ।कई जगह तो आगजनी भी हो रही है लेकिन सवाल ये की आखिर क्यों ? इसका जबाब है कि हम बिल को सही तरह से समझ नहीं पाए ।इसके पहली पहलूँ ये है कि स्वयं गृहमंत्री ने राज्यसभा में स्पष्ट कर दिया है कि भारत के किसी भी धर्म के लोगों अर्थात वो मुस्लिम ही क्यों ना हो उसके साथ कोई भी किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा ।वही इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है अन्य देशों से आने वाले नागरिक को भी भारत नागरिकता दी जाएगी लेकिन विधिवत तरीके से ।दूसरी पहलूँ ये है कि जिस हिन्दू पर अन्य देशों (केवल तीन ) में अत्याचार हो रहे है उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी ।क्योंकि एक आंकड़े के अनुसार सिर्फ हिन्दू पाक में 23 -24 प्रकाशित थी लेकिन आज लगभग 7% है और आए दिनों हम पाक की अराजक स्थिति से बखूबी वाकिफ है जैसे सिख लड़की के साथ जबरन शादी ।तथा धर्म परिवर्तन और ना जाने कितने अत्याचार हो रहे है ।वही जब गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस बिल से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी ।तथा कोई भी (मुस्लिम समुदाय )नागरिकता बनाने की अपील कर सकता है और उसे नागरिकता दी जाएगी ।तो आखिर इसका विरोध क्यों ? हम सवाल उठाना चाहे तो बहुत अनर्गल सी बातें है ।जैसे मुस्लिम इसमें क्यों नहीं है ? तो जाहिर सी बात है इसमें की अफगानिस्तान , बंगलादेश , पाकिस्तान (तीन देश ) एक मुस्लिम राष्ट्र है जिसमें सम्भवतः वहाँ उसके साथ प्रताड़ना नहीं होती होगी ।लेकिन अगर होती है तो उसे यहां (भारत) की नागरिकता दी जाएगी । हम तो पहले ये भी सवाल उठा सकते थे कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से केवल मुस्लिम आकर रह सकते थे (धारा 370 के समय) यहाँ तक के भारत के अन्य राज्य से कोई वहाँ रह नहीं सकता था (जमीन लेकर ) तथा कई सवैधानिक अधिकार का हनन हो रहा था तो उस समय विरोध क्यों नहीं हुआ ??अंततः हमें होना
चाहिए कि पहले हम इस बिल के बारे में पूरी तरह जाने फिर विरोध या समर्थन करें ना कि किसी के भ्रमिक बयान पर उत्पाद मचाएं ।
मनकेश्वर महाराज " भट्ट"
साहित्यकार , शिक्षक
रामपुर डेहरू , मधेपुरा , बिहार
विशेष -
*ये लेखक के व्यक्तिगत विचार है । जो पारदर्शिता को दर्शाता है और लेखक किसी पार्टी विशेष के समर्थक नहीं है ।तथा लेखक के लेख , आलेख , कविता , कहानी ,विचार ,अभिव्यक्ति कई तरह के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित होते रहते है ।