सहरसा में कबाड़ी व्यवसायी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का गंभीर आरोप लगाया; पुलिस ने बताया निराधार
सहरसा शहर के एक निजी क्लिनिक में बुधवार को कबाड़ी व्यवसायी मनोज कुमार साह (45) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिवार ने सौरबाजार थाना पुलिस पर हिरासत में रातभर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है, जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ने और उपचार के दौरान जान चली जाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार कहा है।
हनुमान नगर चकला निवासी मनोज साह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके परिवार में पत्नी रंभा देवी, एक बेटा और दो बेटियां हैं। मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
💢 पत्नी ने लगाया रातभर पिटाई का आरोप
मनोज साह की पत्नी रंभा देवी ने बताया कि 27 नवंबर की शाम 5 बजे सौरबाजार थाना पुलिस पति को पकड़कर थाने ले गई। आरोप है कि पूरी रात उनकी बेरहमी से पिटाई की गई और अगले दिन 28 नवंबर शाम 5 बजे उन्हें छोड़ दिया गया।
🏥 तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती
घर लौटने के बाद 29 नवंबर की सुबह उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजनों ने उन्हें सहरसा सदर अस्पताल में भर्ती कराया। दो दिन बाद कुछ सुधार होने पर वे घर लौट आए।
लेकिन 2 दिसंबर को फिर हालत खराब हुई, जिसके बाद उन्हें शहर के एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार को उनकी मौत हो गई।
🛑 परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की
परिजनों का कहना है कि पुलिस हिरासत में पिटाई के कारण ही उनकी मौत हुई है। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
🚔 पुलिस बोली– “आरोप बेबुनियाद”
सौरबाजार थानाध्यक्ष अजय कुमार पासवान ने कहा कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने बताया कि करीब 15 दिन पहले बिजली के तार की चोरी हुई थी। एक चोर को पकड़ने पर उसने चोरी किए तार मनोज साह को बेचने की बात कबूल की थी।
पूछताछ में मनोज ने भी तार खरीदने की बात मानी, लेकिन तार बरामद नहीं हुए। इस मामले में उन्हें पूछताछ के बाद जमानत पर छोड़ा गया था।
🩺 डॉक्टर बोले– “किडनी समस्या के लिए भर्ती थे”
निजी क्लिनिक के डॉक्टर ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि मनोज साह को किडनी संबंधी समस्या के कारण भर्ती किया गया था।
असली मौत का कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
मौत की परिस्थितियों और पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों ने पूरे क्षेत्र में सवाल खड़े कर दिए हैं।