जिसकी सूचना पर पहुंची पुलिस द्वारा कड़ाई के साथ पूछताछ करते हुए कुछ ही देर के भीतर सारी साजिश का भंडाफोड़ करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया।
ब्रजघाट गंगानगरी के श्मशान घाट में गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे उस समय अफरा तफरी के साथ ही हर तरफ हड़कंप मच गया, जब दाह संस्कार के लिए लाया गया तीस वर्षीय युवक का शव चिता पर कोई डैड बॉडी न होकर महज डमीनुमा पुतला निकल आया। कुछ ही मिनटों के भीतर मौके पर हजारों की भीड़ जुट गई, जिसकी सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर मनोज कुमार बालियान पुलिस टीम के साथ कुछ ही देर के भीतर श्मशान घाट में पहुंच गए। पुलिस टीम ने कोई भी देरी किए बिना दिल्ली से आए उन दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया, जो शव की आड़ में डमीनुमा पुतले का दाह संस्कार करने की साजिश को अंजाम देने का प्रयास कर रहे थे।
पुलिस ने सील किया डमीनुमा पुतला
प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दोनों युवक दिल्ली के एक अस्पताल पर युवक के शव की आड़ में सील किया हुआ डमीनुमा पुतला देने की बात कहकर अपना पीछा छुड़ाने का प्रयास करने लगे। परंतु पुलिस ने सख्ती का रवैया अपनाया तो वे बौखलाकर मनगढ़ंत कहानी गढ़ने का प्रयास करने लगे। विरोधाभासी बयानों को देखते हुए पुलिस दोनों युवकों को अपनी हिरासत में ले आई। जहां की गई पूछताछ में दोनों युवकों ने सारी सच्चाई उगल दी। इंस्पेक्टर मनोज कुमार बालियान का कहना है कि शव की जगह डमीनुमा पुतले का दाह संस्कार करने आया कमल सोमानी निवासी कैलाशपुरी थाना पालम दिल्ली अपने दोस्त आशीष खुराना निवासी जैन कॉलोनी थाना उत्तम नगर दिल्ली को साथ लेकर आया था। जिसने अंशुल कुमार पुत्र धर्मराज निवासी करोल बाग थाना प्रसाद नगर दिल्ली का उपचार के दौरान अंसारी अस्पताल में निधन होने का बहाना बनाकर उसके शव की जगह डमीनुमा पुतले का दाह संस्कार करने का प्रयास किया था।
दोस्त के साथ मिलकर रची थी साजिश
इंस्पेक्टर का कहना है कि कमल सोमानी ने बताया कि वह कपड़े की दुकान करता है और 50 लाख के कर्ज में दबा हुआ है। जिसे चुकता करने के लिए उसने एक साजिश रचते हुए अपनी दुकान में कुछ समय पहले काम करने वाले नीरज से बहाना बनाकर उसके भाई अंशुल आधार और पेनकार्ड मंगा लिया था। जिनका दुरुपयोग करते हुए उसने करीब एक साल पहले अंशुल का टाटा एआई का इंश्योरेंस करा लिया था और उसकी नियमित किस्त अदा करता आ रहा था। कर्ज उतारने को लेकर रची गई साजिश के तहत वह अपने दोस्त के साथ अंशुल का पुतला कार में रखकर दाह संस्कार करने के मकसद से ब्रजघाट के श्मशान घाट में आया था। कमल सोमानी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अगर वह डमीनुमा पुतले का दाह संस्कार करने में सफल हो जाता तो उसके दाह संस्कार प्रमाण के आधार पर बीमा क्लेम लेकर अपना कर्ज चुकता कर देता।