पत्नी का गुस्सा इतना भयंकर था कि सीओ को बचने के लिए छत से कूदना पड़ा, जिसके बाद मौके पर बड़े अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की भीड़ जमा हो गई। यह घटना ईमानदारी और मर्यादा की शपथ लेने वाले सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
सुबह 4 बजे दीवार फांदकर पहुंची पत्नी
दरअसल, माझीयाओ अंचल के सीओ प्रमोद कुमार पिछले काफी समय से अपनी प्रेमिका के साथ सरकारी आवास पर ही रह रहे थे। सीओ की पत्नी डॉ. श्यामा रानी को इस बात का शक काफी पहले से था। अपने शक को पुख्ता करने के लिए डॉ. श्यामा रानी शुक्रवार को सुबह 4 बजे अचानक सरकारी आवास पर पहुंच गईं। पति की करतूत को रंगे हाथ पकड़ने का मन बनाकर आईं पत्नी ने चुपके से दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया। जब वह कमरे के अंदर गईं, तो सीओ प्रमोद कुमार को प्रेमिका के साथ सोता देख वह आक्रोशित हो गईं। पत्नी ने तुरंत कमरे के बाहर से दरवाजा बंद कर दिया, जिससे सीओ और उनकी प्रेमिका अंदर कैद हो गए। पत्नी का यह कदम सीओ के लिए किसी जेल से कम नहीं था।
'छत से कूदे सीओ साहब', पुलिस पहुंची
पत्नी द्वारा कमरे में लॉक कर दिए जाने के बाद सीओ प्रमोद कुमार लगातार दरवाजा खोलने के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन उनकी पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला। मामला एक सरकारी आवास का था, इसलिए हंगामा और शोरगुल सुनकर पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी भी तुरंत मौके पर पहुंच गए। लेकिन पत्नी के आगे किसी की एक न चली। आखिरकार, अपनी बेइज्जती और कैद से परेशान होकर सीओ साहब ने थक-हारकर एक चौंकाने वाला कदम उठाया। वह छत से कूद गए और नीचे उतरकर हंगामा करने लगे। इसी बीच, माझीयाओ पुलिस भी सीओ आवास पहुंच गई। पुलिस के सामने ही यह पूरा हाई-वोल्टेज ड्रामा चलता रहा।
प्रेमिका हिरासत में, पत्नी लेगी कानून का सहारा
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और सीओ की प्रेमिका को तुरंत हिरासत में ले लिया। सीओ की पत्नी डॉ. श्यामा रानी ने इस दौरान कहा कि उन्हें बहुत पहले से शक था, लेकिन आज उन्होंने रंगे हाथ उन्हें पकड़ लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह अब इस मामले में कानून का सहारा लेंगी।आपको बता दें कि सीओ की पत्नी डॉ. श्यामा रानी राजनीतिक रूप से काफी सशक्त परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह बिहार के पूर्व सांसद श्रीराम मांझी की बेटी हैं। अब देखना यह है कि कानून का सहारा लेने के बाद यह मामला सरकारी अधिकारी पर क्या कार्रवाई करवाता है और इस सरकारी आवास का लव-ड्रामा किस मोड़ पर खत्म होता है। यह घटना सरकारी अधिकारियों के निजी जीवन की मर्यादा और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।