पुलिस को सोमवार देर शाम सूचना मिली थी कि समाहरणालय परिसर में एक व्यक्ति दरोगा की वर्दी में संदिग्ध रूप से घूम रहा है। उसके हाव-भाव और बातचीत का तरीका पुलिसकर्मी जैसा नहीं लग रहा था। सूचना मिलते ही नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने त्वरित कार्रवाई की।
दरोगा की वर्दी में बाइक से जाते पकड़ाया
उन्होंने पुअनि अमरेंद्र सिंह, पुअनि ललित सिंह और सअनि पुष्कर सिंह के साथ एक टीम गठित कर समाहरणालय भेजा। खोजबीन के दौरान, टीम ने निर्वाचन कार्यालय के पास दरोगा की पूरी वर्दी में बाइक से जा रहे एक व्यक्ति को रोका। पूछताछ में उसने खुद को 2018 बैच का पुअनि रणवीर कुमार बताया।
जब पुलिस टीम ने उससे विभागीय सवाल पूछे, जैसे वरीय अधिकारियों के नाम, थाने का कार्य-प्रारूप, प्रशिक्षण और नियुक्ति से जुड़े प्रश्न, तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और घबरा गया। शक गहराने पर उसे हिरासत में लेकर थाने लाया गया।
3 साल से लोगों को बना रहा था बेवकूफ
गहन पूछताछ में आरोपी ने अपना असली नाम रणवीर कुमार बताया। वह मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर थाना क्षेत्र के दुधैला गांव निवासी अर्जुन पासवान का बेटा है और उसकी उम्र करीब 32 वर्ष है। उसने स्वीकार किया कि वह पिछले तीन वर्षों से फर्जी दरोगा बनकर सीधे-साधे लोगों को पुलिस का डर दिखाकर उनसे पैसे ऐंठ रहा था।
पुलिस ने आरोपी के पास से सब इंस्पेक्टर की पूरी वर्दी, एक नकली पिस्टल और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद की है। नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी वर्दी के दुरुपयोग और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।