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सहरसा में नवविवाहिता की संदिग्ध मौत: दहेज के लिए हत्या का आरोप, परिजन बोले—4 लाख लेकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश
सहरसा (चिरैया थाना क्षेत्र) से रिपोर्ट:
सहरसा जिले के चिरैया थाना क्षेत्र के सहुरिया वार्ड-15 में रविवार की देर रात एक नवविवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका की पहचान 22 वर्षीय प्रीतम कुमारी (पति: विक्कु महतो) के रूप में हुई है।
मायके पक्ष का कहना है कि प्रीतम की शादी इसी साल अप्रैल में बड़े खर्चे से हुई थी, जिसमें परिवार ने लगभग पाँच लाख रुपये खर्च किए थे। शादी के कुछ समय बाद ससुराल पक्ष द्वारा मोटरसाइकिल की मांग की गई। पिता ने बताया कि उन्होंने 2½ कट्ठा खेत बेचकर करीब 1 लाख 20 हजार रुपये पति-ससुराल को दे दिए।
इसके बावजूद ससुराल द्वारा 35 हजार रुपये की और मांग की गई, जिसे पूरा न करने पर प्रीतम को प्रताड़ित किया गया और अंततः उनकी मौत हो गयी।
परिजन आरोप लगा रहे हैं कि मृतका को गले में फंदा लगाकर हत्या की गई है। साथ ही उनका कहना है कि ससुराल पक्ष ने 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर पेश करके मामला रफा-दफा करने की कोशिश की मगर उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
थाना प्रभारी चिरैया थाना के अनुसार शव को कब्जे में लिया गया है तथा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो पाएगी। इस बीच पति-ससुराल पक्ष के आरोपी फरार बताए जा रहे हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
समाज व मायके पक्ष की प्रतिक्रिया:
मायके वालों ने कहा है कि “हम अपनी बेटी को नया जीवन देने गए थे, लेकिन दहेज लोभी ससुराल ने उसकी जान ले ली।” उन्होंने जोर देकर कहा कि मुआवजे की पेशकश घटना को दबाने की कोशिश थी, जिसके उन्होंने इनकार किया है।
पुलिस की स्थिति:
पुलिस मामले को संदिग्ध मौत के रूप में देख रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साक्ष्यों के आधार पर दहेज हत्या (धारा 304 B) सहित अन्य धाराओं में कार्रवाई हो सकती है।
चिरैया थाना प्रभारी ने कहा कि जिम्मेदारों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही तेज की जा रही है।
क्या आगे होगा:
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मौत के कारण स्पष्ट होंगे।
- मायके द्वारा दहेज मांग एवं हत्या के आरोप के मद्देनजर अभियोजन की संभावना बढ़ जाती है।
- ससुराल पक्ष के फरार आरोपियों की गिरफ्तारी व न्याय-प्रक्रिया महत्वपूर्ण होगी।
यह मामला फिर एक चेतावनी है कि दहेज की प्रथा किस तरह नवविवाहिता की जिंदगी खतरे में डाल रही है। प्रशासन-समाज को इस तरह की प्रवृत्तियों को रोकने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है।