मधेपुरा। राजनीतिक रूप से हर काल खंड में मधेपुरा समृद्ध रहा है। देश की राजनीति को नई दिशा देने वाले मंडल कमीशन के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बिंध्येश्वरी प्रसाद मंडल मधेपुरा विधानसभा से नुमाइंदगी कर चुके हैं। इसके बाद अब तक हुए कुल 15 चुनावों में भूपेंद्र नारायण मंडल से लेकर प्रो. चंद्रशेखर तक अब तक कुल नौ लोगों को जीत मिली है। सभी यादव जाति से ही हैं।
यही वजह है कि रोम पोप का और मधेपुरा गोप का नारा यहां बुलंद होता रहा, लेकिन इस बार जदयू ने मधेपुरा सीट पर अतिपिछड़ा को टिकट देकर एक नया समीकरण गढ़ने की कोशिश की है। अतिपिछड़ा जाति से आने वाली मधेपुरा नगर परिषद की अध्यक्ष कविता साहा को जदयू ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। ऐसा पहली बार है कि प्रमुख दलों में किसी ने गैर यादव को टिकट दिया है।
राजद के माय समीकरण को पचपनिया की राजनीति से साधने वाले नीतीश का प्रयोग कितना सफल हो पाएगा, यह परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा। विगत तीन चुनावों में राजद का मजबूत गढ़ बन चुका मधेपुरा सीट पर इस नए प्रयोग से जदयू को कामयाबी मिलती है तो यादव ही विधायक बनेंगे वाली परंपरा टूटेगी अन्यथा रोम पोप का मधेपुरा गोप का वाला नारा बुलंद रहेगा।
चारों सीट पर जदयू का प्रत्याशी तय, महागठबंधन में बनी है उहापोह की स्थिति:
विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ राजग में सबकुछ क्लियर हो चुका है। जदयू जिले की चारों सीट पर चुनाव लड़ेगी। प्रत्याशी भी तय कर दिए गए हैं। मधेपुरा से नए चेहरे कविता साहा को मौका दिया गया है। वहीं बिहारीगंज और आलमनगर से सिटिंग विधायक निरंजन मेहता व नरेंद्र नारायण यादव प्रत्याशी बनाए गए हैं। साथ ही सिंहेश्वर(सुरक्षित) से पुराने चेहरे डॉ. रमेश ऋषिदेव को टिकट मिला है।
महागठबंधन की बात करें तो यहां सिर्फ सिंहेश्वर(सुरक्षित) सीट से वर्तमान विधायक चंद्रहास चौपाल को राजद का सिंबल मिला है। मधेपुरा, बिहाीरगंज और आलमनगर में अभी भी पेच फंसा है। बुधवार देर या गुरुवार को टिकट फाइनल होने की उम्मीद जताई जा रही है। बात मधेपुरा की करें तो यह 1952 से अब तक के चुनावों में पहली बार किसी प्रमुख दल के द्वारा महिला को प्रत्याशी बनाया गया है।
मधेपुरा में मजबूत रहा है माय समीकरण:
जातीय समीकरण की बात करें तो मधेपुरा हमेशा से राजद का गढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार, इस सीट पर 27 प्रतिशत यादव, 12 प्रतिशत मुस्लिम, 11 प्रतिशत वैश्य बनिया, राजपूत 6 प्रतिशत, मुसहर 12, अन्य महादलित 8, कुर्मी 6, कोइरी 2, मल्लाह 5, ब्राह्मण 5, अन्य पिछड़ा 5 व भूमिहार और कायस्थ एक प्रतिशत मतदाता हैं।
मधेपुरा से अब तक के विधायक:
- 1952 - बीपी मंडल
- 1957 - बीएन मंडल
- 1962 - बीपी मंडल
- 1967 - महावीर प्रसाद यादव
- 1969 - भोली प्रसाद मंडल
- 1972 - बीपी मंडल
- 1977 - राधाकांत यादव
- 1980 - राधाकांत यादव
- 1985 - राजेंद्र प्रसाद यादव
- 1990 - राधाकांत यादव
- 1995 - परमेश्वरी प्रसाद निराला
- 2000 - राजेंद्र प्रसाद यादव
- 2005 फरवरी - मणींद्र मंडल
- 2005 नवंबर - मणींद्र मंडल
- 2010 - प्रो. चंद्रशेखर
- 2015 - प्रो. चंद्रशेखर
- 2020 - प्रो. चंद्रशेखर