सहरसा. सदर थाना क्षेत्र के पुलिस लाइन स्थित विधि विरुद्ध बालक को निरुद्ध करने के बाद रखे जाने के लिए बनाये गए बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा सुरक्षित स्थान (प्लेस ऑफ सेफ्टी) में एक बाल कैदी का फंदा से लटका शव मिलने का मामला सामने आया है. जबकि बाल कैदी के परिजनों द्वारा बेरहमी से मारपीट कर हत्या कर देने का आरोप लगाया जा रहा है. बाल कैदी मधुबनी जिले का रहने वाला है. मामला बुधवार सुबह नौ बजे का है. जब प्लेस ऑफ सेफ्टी के अंदर बाल कैदियों के लिए बने शौचालय में एक बाल कैदी का फंदे से लटका शव मिला, जिसके बाद सूचना पर वहां तैनात अधिकारी व सुरक्षाकर्मी शौचालय पहुंचे तो देखा कि बाल कैदी गमछे के फंदे से लटक रहा है. उसके बाद प्लेस ऑफ सेफ्टी के कर्मियों ने घटना की सूचना तत्काल वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी. जहां वरीय पुलिस पदाधिकारी के आदेश पर मुख्यालय डीएसपी टू कमलेश्वर प्रसाद सिंह मौके पर पहुंचे व घटना की जानकारी हासिल की. वहीं मौके पर सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार, एफएसएल की टीम सहित डीआइयू के पुलिस पदाधिकारी व कर्मी पहुंचकर घटना की जांच में जुट गये.
पिता ने लगाया बेरहमी से पीट कर हत्या करने का आरोप
बाल कैदी के पिता ने प्लेस ऑफ सेफ्टी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए पुत्र की निर्मम हत्या का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सुबह एक अनजान नंबर से फोन आया कि आपका पुत्र शौचालय गया था, जहां उसने गमछे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है, जबकि उनका पुत्र मधुबनी जिले में पुराने टायर चोरी मामले के आरोप में प्लेस ऑफ सेफ्टी दरभंगा में बंद था. वहीं किसी अन्य बाल कैदी की मौत पर उनके पुत्र को भी नामजद बनाया गया था. उसके बाद उनके पुत्र को पर्यवेक्षण गृह मुजफ्फरपुर भेज दिया गया. वहीं लगभग दो माह पूर्व उनके पुत्र को प्लेस ऑफ सेफ्टी सहरसा शिफ्ट किया गया था. जहां वह अच्छे से रह रहा था. सोमवार को उन्होंने अपने पुत्र से फोन पर बात भी की थी. उन्होंने कहा कि उनके बच्चे के शरीर पर काफी जख्म का निशान है, पूरा शरीर लाल पड़ा हुआ है, उसे बेरहमी से मारा गया है.
पोस्टमार्टम के लिए मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में बोर्ड का गठन
वहीं मामले को लेकर मुख्यालय डीएसपी टू कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि प्लेस ऑफ सेफ्टी सुरक्षित स्थान है. जहां एक विधि विवादित किशोर था, उसकी मौत की सूचना मिली है. जिसकी हमलोग जांच कर रहे हैं. बिना किसी जांच के मंतव्य नहीं दिया जा सकता है. जांच के बाद ही पूरा मामला सामने आयेगा. वहीं शाम में सदर अस्पताल पहुंचे मुख्यालय डीएसपी ने बताया कि परिजन द्वारा मारपीट कर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है, उसकी भी जांच पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट हो पायेगी. वहीं पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड का गठन किया गया है. जिसमें तीन डॉक्टर के साथ एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है. मजिस्ट्रेट के रूप में अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी को नियुक्त किया गया है. पूरी पोस्टमार्टम की प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के सामने होगी. उसके बाद जो रिपोर्ट आयेगी, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी.