बिहार के शहरी कारोबारियों और दुकानदारों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने संपत्ति कर के नियमों में संशोधन करते हुए गैर आवासीय संपत्तियों पर कर में 50 प्रतिशत तक की राहत देने का फैसला किया है।
इस छूट से छोटे व्यवसायी, कुटीर उद्योग, स्वास्थ्य सेवा देने वाले केंद्र और अन्य कई वर्गों को फायदा होगा। यह राहत चार प्रमुख प्रकार के गैर आवासीय संपत्ति करों पर लागू होगी, जिसके लिए बिहार नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली 2013 में संशोधन किया गया है।
किसे मिली राहत?
सरकार ने नर्सिंग होम, क्लिनिक, औषधालय, प्रयोगशाला और डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहले लगने वाले तीन गुना संपत्ति कर को आधा करते हुए डेढ़ गुना कर करने का निर्णय लिया है। इसी तरह होटल, हेल्थ क्लब, जिम्नाजियम, क्लब और विवाह समारोह स्थल पर लगने वाले तीन गुना कर को घटाकर दो गुना कर कर दिया गया है।
इसके अलावा, कुटीर उद्योग, 500 वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल वाले दुकान और 1000 वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल वाले गोदामों का कर भी पहले दोगुना था, जिसे सामान्य एक गुणा कर में बदल दिया गया है। वाणिज्यिक कार्यालय, बैंक, वित्तीय संस्थान, बीमा कंपनियों के कार्यालय और निजी अस्पतालों के लिए भी कर में राहत दी गई है। इन पर पहले तीन गुना लगने वाला कर अब दो गुना कर होगा।
किन प्रतिष्ठानों को छूट नहीं मिली?
हालांकि, शॉपिंग मॉल, कोचिंग सेंटर, स्कूल-कालेज, सिनेमा हॉल, बड़े गेस्टहाउस, रेस्तरां, शो-रूम, छात्रावास और अन्य बड़े गैर आवासीय प्रतिष्ठानों को अभी भी पहले की तरह डेढ़ गुना संपत्ति कर ही देना होगा। इन क्षेत्रों में फिलहाल कोई कर में कमी नहीं की गई है।
संशोधन का इतिहास और उद्देश्य
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि यह संपत्ति कर नियमावली 2013 से लागू है, जिसे पिछले वर्ष 2023 में तीन गुना कर में बढ़ा दिया गया था। करों में वृद्धि के कारण कई छोटे व्यवसायी और दुकानदार भुगतान करने में असमर्थ थे। इसलिए, सरकार ने छोटे और मध्यम व्यवसायों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह राहत देने का फैसला किया है।
प्रक्रिया और आगे की उम्मीदें
इस निर्णय के पीछे पांच सदस्यीय एक विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा थी, जिसने राजस्व संग्रहण और करदाताओं की सहूलियत दोनों को ध्यान में रखते हुए इस संशोधन का सुझाव दिया। सरकार का मानना है कि इस छूट के बाद करदाताओं की संख्या बढ़ेगी और राजस्व संग्रहण में सुधार होगा। साथ ही, छोटे कारोबारियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को राहत मिलने से बिहार के आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी।