बिहार सरकार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 7,480 कॉन्ट्रैक्ट वर्करों की सेवा समाप्त कर दी है. ये कर्मचारी 16 अगस्त से हड़ताल पर थे और नियमित सेवा व कर्मचारी राज्य बीमा (ESIC) की मांग कर रहे थे.
सरकार ने इन्हें 3 सितंबर शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का समय दिया था.
हड़ताल से प्रभावित हुआ विभागीय कार्य
जानकारी के मुताबिक, कुल 10,775 संविदा कर्मियों में से 3,295 कर्मचारी समय सीमा खत्म होने से पहले काम पर लौट आए, जबकि शेष ने हड़ताल जारी रखी. विभाग का कहना है कि बार-बार अपील और अतिरिक्त मौके देने के बावजूद इन कर्मचारियों ने काम पर वापसी नहीं की, जिससे सर्वे और अन्य कार्यों में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई.
मांगों पर अड़े रहे संविदा कर्मचारी
हड़ताल कर रहे कॉन्ट्रैक्ट वर्करों का कहना है कि उनसे स्थायी कर्मचारियों के बराबर काम लिया जा रहा है, लेकिन वेतन और सुविधाओं में भारी अंतर है. उनकी प्रमुख मांगों में नियमित सेवा में बहाली और ESIC का लाभ शामिल है. उनका तर्क है कि लंबे समय से काम करने के बावजूद उन्हें नौकरी की स्थिरता और सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई.
विभाग का पक्ष
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पहले 30 अगस्त तक काम पर लौटने की समय सीमा तय की गई थी. जब कर्मचारी नहीं लौटे तो 3 सितंबर तक का अतिरिक्त मौका दिया गया. लेकिन हड़ताल जारी रहने पर सरकार को सेवा समाप्त करने का फैसला लेना पड़ा. विभाग का कहना है कि इन कर्मचारियों की हड़ताल से राजस्व और भूमि सुधार संबंधी कार्यों की रफ्तार थम गई थी, जिसका असर सीधे जनता पर पड़ रहा था.