मधेपुरा में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने आधार डेटा में हेरफेर करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। EOU ने रतवारा थाना क्षेत्र के कपसिया गांव से तीन आरोपियों को 9 सितंबर को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में रामप्रवेश कुमार, मिथिलेश कुमार और विकास कुमार शामिल हैं।
EOU की साइबर विंग के अनुसार गिरोह छह-सात फर्जी वेबसाइट चलाता था। इनमें ECMP सॉफ्टवेयर, UCL सोर्स कोड और ayushman.site शामिल हैं। आरोपी सिलिकॉन फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर लोगों का बायोमेट्रिक डेटा चुराते थे। वे इस डेटा को साइबर अपराधियों को बेचते थे।
आरोपी ने खोला था साइबर कैफे
मुख्य आरोपी रामप्रवेश ने 2021 में मैट्रिक पास करने के बाद साइबर कैफे खोला था। शुरू में वह पैन कार्ड और अन्य प्रमाण पत्र बनाने के अप्लाई करने का काम करता था। फिर उसने कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) का आईडी लिया। Youtube और Google से नकली आधार पोर्टल बनाना सीखा।
रामप्रवेश ने विकास कुमार के माध्यम से नीतीश नाम के व्यक्ति से संपर्क किया। नीतीश ने AnyDesk से उसके लैपटॉप में अवैध ECMP सॉफ्टवेयर डाला। गिरोह ने राजस्थान के कई लॉगिन आईडी का इस्तेमाल किया।
लोगों का करता था बायोमेट्रिक डेटा हासिल
गिरोह सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के बहाने लोगों का बायोमेट्रिक डेटा हासिल करता था। इस मामले में आधार प्रणाली की सुरक्षा में कमियां भी सामने आई हैं। EOU इसकी विस्तृत रिपोर्ट UIDAI को सौंपेगी। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।