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Monday, July 14, 2025

नया कारनामा, नया खुलासा! मधेपुरा में BDO के नाम पर हो रही थी अवैध वसूली, ऐसे ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गए 2 जालसाज

Bihar News: मधेपुरा में बीडीओ के नाम पर जालसाजी का खुलासा हुआ है. ग्रामीणों ने दो जालसाजों को पकड़ लिया है. उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया है. ये जालसाज सरकारी कर्मचारी बनकर बीडीओ के हस्ताक्षर युक्त पत्र दिखाकर कर आम लोगों से घर घर होल्डिंग प्लेट लगाकर अवैध वसूली कर रहे थे. इस दौरान ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने दो लोगों को बंधक बना लिया.  वहीं, डीएम ने तत्काल संज्ञान लिया और मुरलीगंज थाना मे मामला दर्ज किया गया. 

 
दरअसल, पूरा मामला मुरलीगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का है. जहां दो व्यक्ति प्रखंड विकास पदाधिकारी के फर्जी दस्तखत और मोहर लगाकर लोगों को आदेश पत्र दिखा रहा था. साथ ही घर घर जाकर जनगणना काम के तहत होल्डिंग प्लेट लगाकर अवैध वसूली की जा रही थी. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कई दिनों से रामपुर पंचायत के विभिन्न वार्डों में करीब पांच की संख्या में कुछ लोग खुद को सरकारी कर्मचारी बताते हुए प्रखंड कार्यालय का एक आदेश पत्र दिखाकर लोगों के घरों पर होल्डिंग नंबर प्लेट लगाने के नाम पर उनसे प्रति व्यक्ति की दर से 40 रूपया वसूला जा रहे थे. 

वहीं, कुछ ग्रामीणों को उनके कार्य शैली पर संदेह हुआ जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पूछताछ शुरू की. जब संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो ग्रामीणों ने मामले की सत्यता की पड़ताल के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी से फोन पर बात की. उन्होंने इसे फर्जी बताया फिर क्या था ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और इन्हें घेर लिया. हालांकि, मौके का फायदा उठाकर अन्य कई लोग फरार हो गए, लेकिन ग्रामीणों ने दो व्यक्ति को घेर कर बंधक बना लिया. 

इस मामले की सूचना पाते ही मौके वारदात पर पहुंची मुरलीगंज पुलिस. ग्रामीणों ने वसूली की किए गए रुपए की वापसी की मांग की. साथ ही इन दोनों पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग पर अड़े रहे. रात भर गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. सोमवार की सुबह ग्रामीणों को समझा बुझाकर बंधक बनाए गए दोनों व्यक्ति को पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले गयी. जहां पूछताछ के दौरान बंधक बनाए गए व्यक्ति की पहचान सहरसा जिले के बिहरा गांव के वार्ड संख्या 08 निवासी मनोज देव और मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाना क्षेत्र अंतर्गत केवटगामा गांव के वार्ड संख्या 11 निवासी राजकुमार रमन के रूप में की गई है. 

आरोपी मनोज देव ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का गांव में प्रचार प्रसार करने और घर-घर में लोगों को जागरूक करने के लिए उनके घरों में नंबर प्लेट लगाने के लिए जिले में डीपीआरओ को आवेदन देने के बाद मुरलीगंज प्रखंड कार्यालय से स्वीकृति पत्र प्रदान की गई थी. जिसमें पत्रांक और दिनांक सभी अंकित हैं. इसी पत्र के आलोक में हम लोग यह काम कर रहे थे. लेकिन जब ग्रामीणों ने हमें बंधक बना लिया तो पता नहीं क्यों प्रखंड विकास पदाधिकारी ने हम लोगों को फर्जी बताया गया है. 

वहीं, इस पूरे मामले में जब मुरलीगंज बीडीओ से पूछा गया तो उन्होंने इस तरह के किसी भी कार्य के लिए स्वीकृति पत्र देने की बात से इनकार करते हुए कहा कि मेरे डिजिटल दस्तखत और मोहर का फर्जी तरीके से गलत प्रयोग किया जा रहा था. सूचना मिलने के तुरंत बाद हीं हमने मुरलीगंज थाना प्रभारी को सूचित करते हुए कार्रवाई करने के लिए अ्पली भी किया है. इस मामले मे मधेपुरा डीएम तरणजोत सिंह ने तत्काल संज्ञान लिया और डीएम के आदेश पर मुरलीगंज थाना मे गिरफ्तार व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई मे जुट गयी है.