परिजनों के अनुसार सुरेंद्र राम मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे और पिछले एक सप्ताह से मधेपुरा पूर्वी बायपास रोड पर एक निर्माण स्थल पर कार्यरत थे।
रविवार को सुरेंद्र राम मधेपुरा में काम के सिलसिले में आए थे, लेकिन फिर घर वापस नहीं लौटे। परिजनों ने जब उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, तो वह स्विच ऑफ मिला। मंगलवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि सदर अस्पताल में एक अज्ञात शव रखा गया है, जिसके बाद वे अस्पताल पहुंचे और शव की पहचान सुरेंद्र राम के रूप में की।
सदर अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, रविवार देर शाम कुछ लोग सुरेंद्र राम को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराकर चले गए। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया लेकिन कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। सदर थाना के दरोगा इंद्रजीत तांती ने अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सोमवार को शव को पहचान के लिए सुरक्षित रखा गया था।
सुरेंद्र राम अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं, जिनमें एक बेटा पूर्णतः दिव्यांग है। उनकी मौत से परिवार पर गहरा आर्थिक संकट टूट पड़ा है। भर्राही थाने की पुलिस ने मंगलवार सुबह उनके घर जाकर घटना की जानकारी ली। सकरपुरा बेतौना पंचायत के मुखिया राजा राम कुमार भी परिजनों से मिले और घटना की निष्पक्ष जांच और आश्रित परिवार को मुआवजा देने की मांग की।