शनिवार एवं रविवार को तेज हवा एवं बारिश से भवन को और नुकसान हुआ. किसी भी समय भवन का दीवाल या छत से चट्टा गिर सकता है. हादसे की आशंका बनी रहती है. पंचायत का सारा कामकाज इसी भवन से होता है. बिहारीगंज पुलिस बल कैंप भी इसी भवन में रहता है.
सभी को डर बना रहता है कि कब छत गिर जाय. शनिवार को इसी भवन में विकास मित्र के नेतृत्व में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास शिविर का आयोजन हुआ. शिविर में आये पदाधिकारी एवं ग्रामीण भी डरे, सहमे दिखे थे.
भवन की हालत देख-रेख के अभाव में खंडहर जैसी हो गयी है. यह गांव के मुख्य मार्ग पर स्थित है. अब यह खतरा बन चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि जल्द मरम्मत नहीं हुई तो बारिश में यह भवन गिर सकता है. जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण पंचायत भवन के अंदर बैठना भी नहीं चाहते हैं.
सरकार ने पंचायत भवनों को कई अधिकार दिये हैं, लेकिन सरौनीकला पंचायत भवन की हालत बदतर है. पंचायत कर्मचारी भी भवन के अंदर बैठने से बचते हैं. विभाग के अधिकारियों को भवन की हालत की जानकारी है. इसके बावजूद मरम्मत नहीं करायी गयी.
मुखिया प्रतिनिधि मुकेश कुमार उर्फ मुन्ना, समिति सदस्य रंजीत कुमार, गब्बर कुमार, राधेश्याम, कैलाश मंडल एवं आदर्श कुमार ने चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि भवन कभी भी गिर सकता है. बारिश के कारण हालत एवं खराब हो गयी है. छत झुक गई है. दीवारें क्षतिग्रस्त हैं. अब तक न मरम्मत की राशि आई है, न कोई काम हुआ है. बरसात से पहले समय रहते, अगर मरम्मती नहीं हुई तो आने वाले बरसात को यह भवन सहन नहीं कर पायेगा.