Kosi Live-कोशी लाइव बिहार में फर्जी DTO और MVI ड्राइवर संग गिरफ्तार, जीटी रोड पर ट्रकों से कर रहे थे उगाही - Kosi Live-कोशी लाइव

KOSILIVE BREAKING NEWS

Tuesday, March 4, 2025

बिहार में फर्जी DTO और MVI ड्राइवर संग गिरफ्तार, जीटी रोड पर ट्रकों से कर रहे थे उगाही


बिहार के औरंगाबाद में फर्जी जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ), मोटर वाहन निरीक्षक (एमवीआई) और एक चालक समेत तीन फर्जी परिवहन विभाग के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।

इनकी गिरफ्तारी बारुन थाना क्षेत्र के बलॉक मोड़ के पास जीटी रोड पर ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए की गयी। रविवार की रात इन्हें पुलिस ने तब दबोच लिया जब ये गाड़ियों को घेरकर उगाही कर रहे थे। उनके पास से एक सायरन, हैंड स्पीकर, माइक, लाल और नीली बत्ती, 5300 रुपये नकद और फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट और पुलिस लिखी चोरी की एसयूवी भी बरामद की गई है।

खुद को पुलिस और परिवहन अधिकारी बताकर बारुण इलाके में जीटी रोड पर कोयला, बालू और माल लदे ट्रकों से अवैध वसूली करने वाले गिरोह की शिकायत पर पुलिस को पहले से मिल रही थी। बारुण एसएचओ राम एकबाल यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम बनाई गयी। पुलिस टीम ने रात में ट्रकों और भारी वाहनों को रोककर पैसे वसूलते हुए तीन लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पकड़े गए फर्जी अधिकारियों की पहचान छपरा (सारण) जिले के दिघवारा थाने के विष्णुपुर गांव के 27 वर्षीय सूरज कुमार राय, 20 वर्षीय अभिषेक कुमार यादव और मढ़ौरा थाने के कोजी भुआलपुर गांव के 23 वर्षीय विवेक कुमार राय के रूप में हुई।

सूरज खुद को डीटीओ, विवेक खुद को एमवीआई और अभिषेक खुद को ड्राइवर बताकर जहानाबाद, गया, औरंगाबाद और रोहतास जिलों में जीटी रोड पर ट्रक चालकों से वसूली कर रहे थे। गिरफ्तार लोगों ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वे अवैध कारोबार से प्रतिदिन 10 से 15 हजार रुपये और महीने में कम से कम 4.5 लाख रुपये कमा रहे थे।

ड्राइवर अभिषेक ने पुलिस को बताया कि उसने चोरी की एसयूवी हाजीपुर के कबीर सिंह से खरीदी थी, जिस पर किसी दूसरे वाहन का इंजन और चेसिस नंबर लिखा था। बाद में उसने इसे अपने पिता अखिलेश्वर प्रसाद यादव के नाम पर रजिस्टर्ड करा लिया और फिर हाईवे पर ड्राइवर के तौर पर वसूली करने वाली टीम में शामिल हो गया।

बारुण थानाध्यक्ष ने बताया कि जालसाजी, रंगदारी, चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त आदि के लिए बीएनएस की धारा 204, 205, 308 (2), 317 (2)(3)(4), 318 (2)(4), 336 (3) और 338 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपितों से आपराधिक इतिहास और अन्य साथियों के बारे में उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में जालसाजों द्वारा किए गए अपराधों का पता लगाने के लिए आस-पास के जिलों से संपर्क किया जा रहा है।