पटना। बिहार में एनएच के लिए नया वित्तीय वर्ष बड़े स्तर पर जमीन अधिग्रहण का वर्ष होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बिहार के जिन एक्सप्रेस वे व ग्रीनफील्ड फोरलेन प्रोजेक्ट को अपनी अनुमति प्रदान की है उनके लिए जमीन अधिग्रहण का भी निर्देश दिया गया है।
मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड फोरलेन
- मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड फोरलेन प्रोजेक्ट को इसी वर्ष सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी अनुमति प्रदान की है, जमीन अधिग्रहण का आदेश भी निर्गत किया गया है। यह प्रोजेक्ट 81 किमी लंबा है।
- इस प्रोजेक्ट के लिए पटना, लखीसराय व मुंगेर जिले में जमीन का अधिग्रहण होगा। बड़हिया के 11, पिपरिया के 4, सूरजगढ़ा के 26, लखीसराय में 17 तथा चानन के 9 गांव इस सड़क के एलायनमेंट में आ रहे हैं।
आरा-सासाराम फोर लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
हाल ही में केंद्र की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने आरा-सासाराम फोर लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को अपनी मंजूरी प्रदान की है, यह प्रोजेक्ट 120 किमी लंबा है।
यह प्रोजेक्ट पटना रिंग रोड पर सदीसोपुर से आरंभ होकर सासाराम में एनएच 19 पर सुअरा के समीप खत्म हो रहा है। इसके लिए बड़े स्तर पर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे के लिए छह जिलों में जमीन ली जाएगी
इसी महीने पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे के लिए छह जिलों में जमीन अधिग्रहण को अनुमति दी गई है। एनएचएआइ ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है।
इस अधिसूचना के तहत छह जिलों के 29 प्रखंडों में स्थित 250 से अधिक गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
वैशाली के छह, समस्तीपुर के आठ, दरभंगा के दो, सहरसा के पांच, मधेपुरा के दो व पूर्णिया के छह प्रखंडों में इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को अनुमति दी गई है।
662 किमी सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण
वर्तमान में बिहार में दो एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही। इसकी लंबाई 662 किमी है। इनमें पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे के अतिरिक्त गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे शामिल है। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे को भी मंजूरी मिलने वाली है।
इसके लिए भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ होनी है। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लंबाई 568 किमी है। इस प्रोजेक्ट का 417 किमी बिहार में है। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज में इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण होना है।