ये हुई न बात, सांसद बनते ही पिता हरि ओम वर्मा के गले से लिपट गए राजेश वर्मा, खुशी का किया इजहार
समाज सेवी कमल जायसवाल ने कहा बुजुर्गों की टीम का मेहनत भी रंग लाया
ANA/Arvind Verma
खगड़िया। पुत्र की कामयाबी या सफलता के पीछे पिता और बुजुर्गों का भी हाथ अवश्य रहता है। युवा और बुजुर्गों के सोचने का अंदाज अलग होता है। दोनों मिलकर कोई भी कार्य करे तो सफलता निश्चित है। इसे प्रमाणित कर दिखाया खगड़िया के नव निर्वाचित युवा सांसद राजेश वर्मा ने। तभी तो निर्वाचित होते ही अपने पिता हरि ओम वर्मा के गले से लिपट गए और खुशी का इज़हार किया। सनद रहे, समाज सेवी कमल जायसवाल ने राजेश वर्मा के पिता हरि ओम वर्मा के संग एक टीम बनाकर खगड़िया संसदीय क्षेत्रों में भ्रमण किया और आम लोगों से , ग्रामीणों से राजेश वर्मा जैसे युवा को एकबार मौका देने के लिए आग्रह किया, ग्रामीणों के स्थानीय समस्याओं से अवगत होकर डायरी में अंकित किया। लोगों की यह शिकायत कि जो भी चुनाव जीतते हैं, बाद में दर्शन भी नहीं देते, वायदे तो भूल ही जाते हैं, पांच वर्षों तक आम जनता की सुधि भी नहीं लेते। इसपर हरि ओम वर्मा ने लोगों को आश्वस्त किया कि सांसद के लिए बुजुर्गों की यह टीम हमेशा खगड़िया संसदीय क्षेत्र में स्थानीय समस्याओं का समाधान कराने, युवाओं को सही दिशा दिखाने, बेरोजगारों को रोजी रोजगार दिलाने के लिए मार्गदर्शन देते रहेगी। इनलोगों का मेहनत रंग लाया।इसी का परिणाम है ससंदीय क्षेत्र के हर विधान सभा क्षेत्रों से अपार वोट राजेश वर्मा को मिला और विजय श्री हासिल किया। समाज सेवी कमल जायसवाल ने कहा आपके हर दुःख दर्द में सांसद की टीम हमेशा तैयार रहेगी। आगे उन्होंने कहा आपने देखा चुनाव तिथि के बाद भी हमलोग लोगों के सम्पर्क में रहे, कई दुर्घटनाग्रस्त लोगों से अस्पतालों में जाकर मिले, डॉक्टरों से ईलाज के लिए विशेष ध्यान देने का सहयोग लिए। जनकारी मिलते ही लोगों से दुःख की घड़ी में मिलकर ढाढस बंधाया और धैर्य रखने को कहा। समाज सेवी कमल जायसवाल और सांसद राजेश वर्मा के पिता हरि ओम वर्मा ने मीडिया के माध्यम से खगड़िया संसदीय क्षेत्र के तमाम मतदाताओं को जीत के लिए आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि हमलोग हमेशा हर कदम पर आपके साथ रहेंगे और "जीत के बाद दर्शन नहीं" शब्दों को मिटा देंगे।