सहरसा। मुख्यमंत्री ग्रामीण् पेयजल योजना की आपूर्ति अगर नियमित नहीं हुई तो पंचायत के मुखिया और वार्ड सदस्य पर कार्रवाई होगी। पंचायती राज विभाग ने इसे प्रतिनिधि के दायित्वों निर्वहन में चूक मानते हुए जिलाधिकारी को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। इस कार्रवाई से सहरसा जिले के दर्जनों मुखिया व सैकड़ों वार्ड सदस्य कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। इस निर्देश के जारी होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
जनसाधारण को सुनिश्चित कराना होगा शुद्ध पेयजल का लाभ
पंचायती राज विभाग ने वार्ड क्रियान्यवयन एवं प्रबंधन समितियों के माध्यम से कार्यान्वित योजना में नियमित रूप से पेयजल की आपूर्ति नहीं होने पर मुखिया को पूरी तरह जिम्मेवार माना है। विभाग का मानना है कि मुखिया के नाते उपलब्ध कराई गई सरकारी राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित कराना उनकी जिम्मेवारी है। पेयजल आपूर्ति नहीं होने को दायित्व निर्वहन में चूक की श्रेणी में रखते हुए मुखिया के विरूद्ध् धारा 18 (5) के अंतर्गत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। जबकि वार्ड सदस्य के विरूद्ध् भारतीय दंड विधान की संगत धाराओं के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से रखरखाव की होगी समीक्षा
पंचायती राज विभाग मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना के क्रियान्वयन और रख- रखाव के पूर्ण अनुश्रवण हेतु मुख्यालय से इसकी नियमित समीक्षा की योजना बनाई है। इस योजना की पटना से प्रमंडलवार जिला एवं प्रखंड से इसकी समीक्षा का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में कोसी प्रमंडल के सभी प्रखंडों के योजना की समीक्षा 11 दिसंबर को की जाएगी। समीक्षा के दौरान वाटर टावर व अन्य चीजों का अधिष्ठापन, बंद एवं चालू योजना की विस्तृत समीक्षा, उपभोक्ता शुल्क की वसूली,अनुरक्षण की व्यवस्था व प्राप्त शिकायतों पर चर्चा की जाएगी।
विभागीय निर्देश के आलोक में योजनाओं की जांच प्रारंभ हो चुकी है। अनियमितता और लापरवाही के दोषी पंचायत प्रतिनिधियों व सरकारी कर्मियों के विरूद्ध् विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। नीरज सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सहरसा।