सहरसा। शहर को दो भागों में बांटने वाली रेल लाइन लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला पर हर हमेशा बैरियर बंद रहने से शहर में हर हमेशा सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है। रेलवे ढाला पर प्रतिदिन पांच से दह घंटा बैरियर गिरा रहता है। सहरसा से अनलाक-4 के दौरान अभी छह जोड़ी ट्रेन का परिचालन हो रहा है। जिससे इन ट्रेनों के सफल परिचालन के लिए इंजन बदलने के लिए शंटिग की जरूरत होती है। इंजन शंटिग दिन भर में करीब 15-20 टाइम होता है। एक बार इंजन को शंटिग करने में 30 से 40 मिनट का समय लगता है। जिस कारण शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला पर हर हमेशा सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है। आजादी के बाद से ही शहर के बीचोंबीच स्टेशन होने के कारण यह दंश वर्षों से लोग झेल रहे है। सहरसा आनेवाली हर ट्रेन की शंटिग की जाती है। गंगजला रेलवे रैक प्वाइंट के पास शंटिग प्वाइंट बना दिए जाने से ही यह परेशानी बढी है। पहले तो शंटिग प्वाइंट गेट नंबर 32 से पहले ही था। जिससे सिर्फ बंगाली बाजार का ही बैरियर गिरता था। लेकिन अब तो स्थिति यह हो गयी है कि लोगों को फाटक हर समय गिरा ही मिलता है।
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जाम से व्यवसाय हो रहा प्रभावित
शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला पर बैरियर बंद रहने से हर हमेशा सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है। मुख्य सड़क होने के कारण सड़क के दोनों किनारे होटल सहित किराना दुकान, कपड़े की दुकान सहित कई अन्य दुकानें खुली रहती है। जाम के कारण इनकी बिक्री प्रभावित हो रही है। व्यापार संघ के जिलाध्यक्ष कुणाल गौरव उर्फ विकास गुप्ता एवं गुदरी बाजार कल्याण समिति के विष्णु कुमार साह कहते है कि बैरियर ने दुकानदारी चौपट कर दी है। रेलवे ढाला पर बैरियर गिरे रहने से दिन भर सड़क जाम ही रहता है। ग्राहकों को दुकान आने में परेशानी होती है। बंगाली बाजार में अब तक रेल ओवर ब्रिज आज तक नहीं बन सका है।
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नगरपालिका चौक तक लग जाता है जाम
गंगजला रेलवे ढाला का बैरियर गिरे रहने से नगरपालिका चौक तक जाम लग जाता है। बस स्टैंड गंगजला चौक के पास रहने के कारण हर हमेशा बसों की आवाजाही होती रहती है। सोमवार को बैरियर गिरे रहने से सुपर बाजार से लेकर थाना चौक होते हुए गंगजला चौक- नगरपालिका चौक तक जाम लग गया। लोग करीब दो घंटे तक फंसे रहे। यह हाल करीब हर दिनों का रहता है। जाम में फंसे लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन को कोसते रहते है।
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16 से शंटिग होगा कम
अनलॉक में सहरसा से पटना के बीच एवं सहरसा से समस्तीपुर के बीच पांच जोड़ी ट्रेन चलायी जा रही है। यह रेल परिचालन 15 सितंबर तक ही होगा। जिस कारण 16 सितंबर से यह ट्रेन बंद हो जाएगी। जिससे इंजन शंटिग की समस्या कम होगी। इसके बाद सहरसा से नई दिल्ली के बीच एकमात्र वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन का ही परिचालन होगा। इसके अलावा प्रतिदिन करीब चार से पांच मालगाड़ी की आवाजाही होती है। सहरसा होकर मधेपुरा जानेवाली मालगाडी के इंजन को बदलने के लिए भी दो बार शंटिग करना पड़ता है।
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गंगजला होकर रेल लाइन बनने पर जाम की समस्या में आएगी कमी
कोरोना काल को लेकर ट्रेनों की संख्या में काफी कमी है। इसके बाद शहर में सड़क जाम की स्थिति रहती है। अगर सभी पूर्व के ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाए तो दिन भर में मुश्किल से दो- चार घंटे ही बैरियर खुला रहेगा। मधेपुरा होकर जानेवाली सभी ट्रेनों की इंजन शंटिग करना सहरसा में जरूरी हो जाता है। ऐसे में गंगजला होकर जानेवाली पूर्व की रेल लाइन बिछा दी गयी तो इससे कई ट्रेनों की शंटिग करने की समस्या समाप्त हो जाएगी।
--------------------------- शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला का बैरियर इंजन के शंटिग होने के कारण ही बंद रहता है। सुरक्षा की ²ष्टिकोण से यह जरूरी है। रेल ओवर ब्रिज बनने के बाद यह जाम की समस्या स्वत: समाप्त हो जाएगी।
सरस्वती चन्द्र, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल