मधेपुरा। थाना क्षेत्र के सिंहेश्वर-पीपरा मुख्य मार्ग एनएच 106 पर बुधवार को सड़क निर्माण के दौरान मशीन की चपेट में आने से सुपरवाइजर ललन कुमार यादव (40) तरह जख्मी हो गए। जख्मी अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना से गुस्साए लोगों ने गुरुवार की सुबह सिंहेश्वर-पिपरा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। उसके बाद कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाद में पहुंची पुलिस ने किसी प्रकार समझा-बुझाकर जाम हटवाया। करीब सात घंटे तक मार्ग बाधित रहा। मृतक वर्ष 2018 से सड़क निर्माण करने वाली कंपनी आइएलएफएस कंपनी के ठेकेदार मुन्ना यादव के साथ काम करता था। घटना के छह घंटे के बाद मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी मिली। दोपहर में हुई घटना के बाद कंपनी के द्वारा गुपचुप तरीके से घटना स्थल से युवक को सदर अस्पताल ले कर चली गई। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद कंपनी के द्वारा घटना की जानकारी किसी को नही दी गई। घटनास्थल पर कार्य कर रहे अन्य मजदूरों ने जब जानकारी लेनी चाही तो कंपनी के द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी नही दी गई। इसके बाद बाद जब मामला धीरे-धीरे फैलने लगा तो परिजनों को पता चला। मृतक के गांव रुपौली पंचायत के वार्ड संख्या एक शव लाया। जहां मैनेज का खेल चलता रहा। बात नहीं बनी तो घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने स्थल पर पहुंचकर लोगों से व कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ किया। गुरूवार की सुबह सड़क जाम की सूचना पर थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल घटनास्थल पर पहुंचकर जाम हटाने का प्रयास किया। लेकिन लोगों ने एक न सुनी। काफी प्रसास के बाद दोपहर बाद जाम हटाया गया।
सेफ्टी टीम रहती तो बच सकती थी जान घटना स्थल पर सेफ्टी टीम होती तो शायद ललन की जान बच सकती थी। लेकिन कंपनी के द्वारा सेफ्टी टीम का नहीं होना कई सवाल खड़े करता है। वहीं परिजन का कहना है कि ठेकेदार के द्वारा दो साल में कुछ ही महीने का वेतन दिया गया है। जाम के दौरा आइएलएफएस कंपनी के अधिकारियों के द्वारा अपने कर्मी व स्थानीय लोगों के पहल के बाद पांच लाख मुआवजा दिए जाने पर जाम हटाया गया। थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने बताया घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने पूछताछ करने पहुंचे थे। अभी तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
