दरभंगा. घूस (Bribe) लेना अगर बड़ा अपराध है तो घूस देना या उसके लिए उकसाना भी उतना ही बड़ा अपराध माना जाता है. बिहार में थानेदार (SHO) को जबरन घूस देने का एक ऐसा ही मामला सामने आया है और यहां कैमरे पर घूस ऑफर करते वो भी थाने में एक नेता जी पकड़े गए हैं. मामला दरभंगा (Darbhanga) से जुड़ा है जहां महागठबंधन के एक घटक दल के बड़े नेता जी बिलकुल फिल्मी अंदाज में थाना आते हैं और जेब से निकाल कर नोट का गद्दी टेबल पर पटकते हुए थानाध्यक्ष को कहते हैं कि ये घूस लिजिए और थाने में जब्त गाड़ी को छोड़ दीजिए.
थानेदार भी रह जाता है हैरान
थानेदार भी रह जाता है हैरान
अचानक नेता जी के तरफ से घूस की बात सुनकर एसएचओ साहब भी थोड़ा असहज हो जाते है क्योंकि नेता जी ये सारी गतिविधि को कैमरे मे कैद करवा रहे थे.
शायद नेता जी ये भूल गए थे कि घूस देना भी अपराध की ही श्रेणी में आता है. तो आइये अब पूरी कहानी समझते है आखिर माजरा है क्या ?
टेंपू छुड़वाने थाना पहुंचे थे नेता जीबात 23 मार्च की है जब सहरसा जिला का नाहर निवासी सुशील मुखिया अपने परिजनों के साथ अपने टेम्पू से रिश्तेदार के घर कुशेश्वरस्थान जा रहा था. चुकी बिहार में कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी थी लिहाजा पुलिस की गश्ती काफी सख्त थी. कशेश्वरस्थान जाने के क्रम में बिरौल थाना के समीप गश्ती टीम ने टेम्पू को जब्त कर लिया. इसके बाद सुशील मुखिया टेम्पू को छुड़वाने के लिए प्रयास करता है पर लॉकडाउन की वजह से टेम्पू नहीं छूटा.
सन ऑफ मल्लाह कहलाते हैं मुकेश सहनी
इसके बाद ये जानकारी नेता जी को दी जाती है. ये नेता जी कोई और नहीं हैं, ये सन ऑफ मल्लाह के फाउंडर एवं वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी हैं. मुकेश बिहार में तेजस्वी की अगुवाई वाले महागठबंधन का हिस्सा हैं और उनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है. मुकेश सहनी को जब पता चला कि थाना टेम्पू छोड़ने की एवज मे घूस मांग रहा है तो जनाब खुद ही नोटों की गद्दी लेकर पहुंच गए थाना वो भी टेम्पू छुड़ाने. फिर वहां जो हुआ उसका वीडियो वायरल भी कर दिया गया. इस वायरल वीडियो में मुकेश सहनी स्वयं बिरौल थानाध्यक्ष को घूस देते नजर आ रहे हैं.
एसएसपी ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में थानाध्यक्ष किशोर कुणाल की मानें तो 23 तारीख को ही टेम्पो की कानूनी कारवाई करते हुये SDO को रिपोर्ट भेज दिया गया था. थानेदार के मुताबिक घूस मांगने की बात गलत है. पूरे मामले की जानकारी जब दरभंगा के एसएसपी बाबू राम को हुई तो उन्होंने तुरंत नगर एसपी योगेंद्र कुमार को इस मामले में जांच का जिम्मा दिया है.
सहनी ने दी सफाई
इस मामले में मुकेश सहनी से बात की गई तो उन्होंने थानाध्यक्ष की बातों पर ऐतवार नहीं करते हुये कहा कि टेम्पू को जब्त कर गरीब लोगों से घूस मांगा जा रहा है. थानाध्यक्ष झूठ बोल रहे है. उन्होंने कोई पेपर SDO को नहीं भेजा है. इस विषम परिस्थिति में जहां देश मे लॉकडाउन लगा हुआ है वैसे में एक गरीब टेम्पू वाले को तंग किया जा रहा है. सहनी के मुताबिक हम अभी अपने क्षेत्र में थे तो पता चला कि 10 हजार घूस नहीं देने के कारण टेम्पू को नहीं छोड़ा जा रहा है तो खुद से 10 हजार रुपया ले कर थाने पहुंच गये.
टेंपू छुड़वाने थाना पहुंचे थे नेता जीबात 23 मार्च की है जब सहरसा जिला का नाहर निवासी सुशील मुखिया अपने परिजनों के साथ अपने टेम्पू से रिश्तेदार के घर कुशेश्वरस्थान जा रहा था. चुकी बिहार में कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी थी लिहाजा पुलिस की गश्ती काफी सख्त थी. कशेश्वरस्थान जाने के क्रम में बिरौल थाना के समीप गश्ती टीम ने टेम्पू को जब्त कर लिया. इसके बाद सुशील मुखिया टेम्पू को छुड़वाने के लिए प्रयास करता है पर लॉकडाउन की वजह से टेम्पू नहीं छूटा.
सन ऑफ मल्लाह कहलाते हैं मुकेश सहनी
इसके बाद ये जानकारी नेता जी को दी जाती है. ये नेता जी कोई और नहीं हैं, ये सन ऑफ मल्लाह के फाउंडर एवं वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी हैं. मुकेश बिहार में तेजस्वी की अगुवाई वाले महागठबंधन का हिस्सा हैं और उनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है. मुकेश सहनी को जब पता चला कि थाना टेम्पू छोड़ने की एवज मे घूस मांग रहा है तो जनाब खुद ही नोटों की गद्दी लेकर पहुंच गए थाना वो भी टेम्पू छुड़ाने. फिर वहां जो हुआ उसका वीडियो वायरल भी कर दिया गया. इस वायरल वीडियो में मुकेश सहनी स्वयं बिरौल थानाध्यक्ष को घूस देते नजर आ रहे हैं.
एसएसपी ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में थानाध्यक्ष किशोर कुणाल की मानें तो 23 तारीख को ही टेम्पो की कानूनी कारवाई करते हुये SDO को रिपोर्ट भेज दिया गया था. थानेदार के मुताबिक घूस मांगने की बात गलत है. पूरे मामले की जानकारी जब दरभंगा के एसएसपी बाबू राम को हुई तो उन्होंने तुरंत नगर एसपी योगेंद्र कुमार को इस मामले में जांच का जिम्मा दिया है.
सहनी ने दी सफाई
इस मामले में मुकेश सहनी से बात की गई तो उन्होंने थानाध्यक्ष की बातों पर ऐतवार नहीं करते हुये कहा कि टेम्पू को जब्त कर गरीब लोगों से घूस मांगा जा रहा है. थानाध्यक्ष झूठ बोल रहे है. उन्होंने कोई पेपर SDO को नहीं भेजा है. इस विषम परिस्थिति में जहां देश मे लॉकडाउन लगा हुआ है वैसे में एक गरीब टेम्पू वाले को तंग किया जा रहा है. सहनी के मुताबिक हम अभी अपने क्षेत्र में थे तो पता चला कि 10 हजार घूस नहीं देने के कारण टेम्पू को नहीं छोड़ा जा रहा है तो खुद से 10 हजार रुपया ले कर थाने पहुंच गये.