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Saturday, April 11, 2020

मधेपुरा।सुबह से शाम तक मठाही एवं भेलवा चौक पर लगते हैं धुरगर जमवारा


साहब एक नजर मठाही बजार को देखें               लॉकडाउन का असर मठाही  बाजार में कुछ ऐसे दुकानदार हैं लॉकडाउन को ठेंगा दिखा रहे है। मालूम हो कि मठाही  बाजार में स्थानीय प्रशासन लॉकडाउन को शक्ति से प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। जिसको लेकर सुबह 9 बजे से कुछ ऐसे दुकानदार बंधु हैं, जो अपना दुकान खोल कर धड़ल्ले से दुकान चला रहे हैं।इसमें कपड़ों की दुकान चाय की दुकान ग्रामीण बैंक, स्टेंट बैंक भी शामिल है और ना ही डिस्टेंसिंग का पालन होता है। मालूम हो कि स्थानीय प्रशासन गर्मी का मौसम रहने के कारण अपने कार्यालय में ही दिनभर समय बिता देते हैं, एक बार भी बाजार का भ्रमण नहीं करते हैं। जिसको लेकर खासकर मिठाई बजार में  लॉक डाउन का पालन कतई ना कर रहे हैं। वही ट्रिपल लोडिंग  मोटरसाइकिल चालक पर असर नहीं दिख रहा है। बाजार में मोटरसाइकिल लेकर यत्र तत्र घूमने के दौरान प्रशासन की डंडा नहीं चल रहा है। जब पूरे देश में पूर्ण तरह का लॉक डॉउन लगाया गया था तो प्रशासन बाजार में मुस्तैद नहीं के बराबर देखने को मिलते है ,वही  सिर्फ 4 से 5 दिनों तक के लिए सिर्फ असर देखने को मिला , उसके बाद ग्रामीण क्षेत्र के महिला, पुरुष बाजार का आवजाही कर रहे। बाजार में दुकानदार धड़ल्ले से सामान भी बेच रहे हैं। जबकि मठाही  बाजार होकर दिन में चार से पांच बार प्रशासन की गाड़ी का आवाजाही होती है, देख कर चले जाते हैं, उसे कुछ भी नहीं कहते हैं। सिर्फ शाम में करीब 4 बजे मठाही पुलिस से कुछ पदाधिकारी अपने दल बल के साथ सब्जी बाजार बंद करवाने के लिए ग्राहकों पर डंडा बरसाते हैं। जबकि सब्जी बाजार मात्र 2 घंटे के लिए जिला प्रशासन के आदेश पर खोला गया है। लेकिन मठाही  बाजार के कुछ ऐसे दुकानदार हैं अपना दुकान खोल कर धड़ल्ले से दुकानदारी करते हैं। मठाही एवं भेलवा  क्षेत्र में भी लॉक डॉउन का पालन नहीं हो रहा है, प्रशासन सुस्त मुद्रा में बैठा हुआ है। जबकि केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक इस महामारी बीमारी से लड़ने के लिए कुछ ना कुछ योजना बनाते रहते हैं। सरकार के चिंता यह सता रहा है कि मेरे राज्य में किसी भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस महामारी ना फैल जाए। इसके लिए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक लड़ाई कर रहे हैं। तब पर भी ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीण लॉक डाउन को ठेंगा दिखा रहे हैं।पूर्व में मठाही ओपी प्रभारी ने बताया था कि यहाँ सिपाही की बहुत कमी है सिर्फ एक ही सिपाही है  और 5 पंचायत को देखना पड़ता है, ऐसे में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है  जिससे पता चलता कि इस कोरोना महामारी में भी उच्च पदाधिकारियो का नजर इस मठाही की ओर नही जा रही है, जिसके कारण पता चलता है कि इस महामारी से लड़ने के लिए लॉकडाउन का  बिहार सरकार और केंद्र सरकार  की लाख  दावों पर  साफ साफ पानी फिरता नजर आ रहा है।