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मधेपुरा। प्रधानमंत्री की अपील पर रविवार को जनता कर्फ्यू का लोगों ने समर्थन किया था। दुकानें बंद रही थी। सड़क पर लोग नहीं निकले। लेकिन सोमवार से शुरू हुए लॉकडाउन पूरी असरदार नहीं रहा। सुबह-सुबह सभी दुकानें खुल गई। बाद में प्रशासनिक सख्ती के बाद दुकानों को बंद कराया गया। डीएम नवदीप शुक्ला व एसपी संजय कुमार खुद सड़कों पर उतरे उसके बाद दुकान बंद करवाया गया। वहीं आलमनगर व उदाकिशुनगंज में भी एसडीओ व अन्य अधिकारियों ने दुकानें बंद कराई। वहीं सड़कों पर आवाजाही कुछ कम रही लेकिन लोग सड़कों पर निकले। वाहन चलती रही। लॉकडाउन का असर कहीं नहीं दिख रहा था। कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 31 मार्च तक लॉक डाउन घोषित कर रखा है। इसके तहत आवश्यक सेवा को छोड़ अधिकांश सरकारी महकमों, स्कूलों व कॉलेजों में पूर्ण अवकाश घोषित किया हुआ है। इसके साथ ही बस व रेल सेवा भी बंद है। रविवार को दिनभर घर में बैठने वाले लोग सोमवार की सुबह शहर में निकल पड़े। सामान खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ लग गई। यद्यपि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से बंद है, लेकिन सड़कों पर प्राइवेट वाहन बड़ी संख्या में नजर आ रही थी। वहीं खाद्य सामग्रियों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। किराना दुकानदारों ने आटा, चीनी की कीमतें बढ़ा दी है। आलू, प्याज के भी कीमत बढ़ गई है।
मधेपुरा। प्रधानमंत्री की अपील पर रविवार को जनता कर्फ्यू का लोगों ने समर्थन किया था। दुकानें बंद रही थी। सड़क पर लोग नहीं निकले। लेकिन सोमवार से शुरू हुए लॉकडाउन पूरी असरदार नहीं रहा। सुबह-सुबह सभी दुकानें खुल गई। बाद में प्रशासनिक सख्ती के बाद दुकानों को बंद कराया गया। डीएम नवदीप शुक्ला व एसपी संजय कुमार खुद सड़कों पर उतरे उसके बाद दुकान बंद करवाया गया। वहीं आलमनगर व उदाकिशुनगंज में भी एसडीओ व अन्य अधिकारियों ने दुकानें बंद कराई। वहीं सड़कों पर आवाजाही कुछ कम रही लेकिन लोग सड़कों पर निकले। वाहन चलती रही। लॉकडाउन का असर कहीं नहीं दिख रहा था। कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 31 मार्च तक लॉक डाउन घोषित कर रखा है। इसके तहत आवश्यक सेवा को छोड़ अधिकांश सरकारी महकमों, स्कूलों व कॉलेजों में पूर्ण अवकाश घोषित किया हुआ है। इसके साथ ही बस व रेल सेवा भी बंद है। रविवार को दिनभर घर में बैठने वाले लोग सोमवार की सुबह शहर में निकल पड़े। सामान खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ लग गई। यद्यपि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से बंद है, लेकिन सड़कों पर प्राइवेट वाहन बड़ी संख्या में नजर आ रही थी। वहीं खाद्य सामग्रियों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। किराना दुकानदारों ने आटा, चीनी की कीमतें बढ़ा दी है। आलू, प्याज के भी कीमत बढ़ गई है।