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सहरसा। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन किए जाने के बाद विक्रेता द्वारा जरूरी सामानों की कृत्रिम किल्लत की खबर सुनकर सदर एसडीओ शंभूनाथ झा ओर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी दल- बल के साथ शहर में निकल पड़े। दोनों अधिकारियों ने किराना दुकान और सब्जी बाजार के आढ़तियों को उचित कीमत पर सामान बेचने की सलाह दी। एसडीओ ने आलू-प्याज का दाम पूछा और उसे दुकान में प्रदर्शित करने का आदेश दिया। कहा कि अधिक कीमत वसूले जाने की शिकायत मिलने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। एसडीओ ने कहा कि वैसे ही आमलोग परेशान हैं, ऐसी स्थिति में अपना मुनाफा कमाने के लिए लोगों की मजबूरी का फायदा नहीं उठाए। यह घोर अपराध है। इस समस्या को निपटने के लिए सभी लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। एसडीओ व एसडीपीओ ने थाना चौक से चांदनी चौक तक पैदल घूमकर सभी दुकानदारों को खबरदार किया। इस क्रम में टैम्पों, ई: रिक्शा आदि को भी बंद करने का निर्देश दिया।
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असरदार नहीं है जिले में लाक डाउन
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कोरोना वायरस के प्रति लोगों में सजगता का अभाव माने या प्रशासन की ढिलाई,परंतु जिले में लाक डाउन असरदार नहीं दिखाई दे रहा है। मुख्य बाजार की अधिकांश दुकानें हालांकि बंद है, परंतु शहर के हर गली- मोहल्ले में छिटफुट चाय- पान की दुकानें खुली है। जिसपर लोगों की वेबजह भीड़ लग रही है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। अगर प्रशासन द्वारा इस दिशा में सख्ती नहीं बरती गई, तो इससे स्थिति बेकाबू हो सकती है। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के साथ प्रशासन को भी सख्त होने की जरूरत है। प्रशासन की ढिलाई के कारण लोग भी इस संक्रमण के बढ़ते खतरे के प्रति अबतक गंभीर नहीं हुए हैं।