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किसानों को बड़ा लाभ: अब कृषि यंत्र अनुदान सीधे खाते में, अत्यंत पिछड़ा वर्ग को भी मिलेगा 50% सब्सिडी
सहरसा। किसानों के हित में एक बड़ी पहल करते हुए कृषि विभाग ने कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब अनुदान की राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाएगी। पहले यह राशि यंत्र निर्माता कंपनियों को दी जाती थी, जिससे कई बार यंत्र खरीदे बिना भी अनुदान की हेराफेरी हो जाती थी। नई व्यवस्था से राजस्व दुरुपयोग पर रोक लगेगी और वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचेगा।
एससी–एसटी की तरह अब अत्यंत पिछड़ा वर्ग को भी 50% अनुदान
कृषि विभाग ने अनुदान संरचना में बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि
अब अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) को भी एससी–एसटी के समान 50% सब्सिडी मिलेगी।
पहले इस वर्ग को सिर्फ 40% अनुदान मिलता था।
इस फैसले से बड़ी संख्या में किसानों को सीधे फायदा मिलेगा और आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता बढ़ेगी।
इन कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान
नई व्यवस्था के तहत किसान निम्नलिखित कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त कर सकेंगे—
- रोटावेटर
- गेहूं थ्रेसर
- मोटर चालित कुट्टी/कट्टा मशीन
- पावर विडर
- तेल मिल
- राइस मिल
- रिपर
- मैनुअल एग्रीकल्चर किट
डीबीटी व्यवस्था लागू होने के कारण किसानों को यंत्र की खरीद अनिवार्य रूप से करनी होगी, तभी उनके खाते में अनुदान भेजा जाएगा। इससे यंत्रों की बिक्री बढ़ने की भी संभावना है, जिससे कृषि क्षेत्र को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
कृषि विभाग का बयान
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा संजय कुमार ने बताया—
“नई व्यवस्था से कृषि यंत्र खरीदने वाले किसानों के खाते में सीधे अनुदान की राशि जाएगी। इससे किसानों को पारदर्शी लाभ मिलेगा और कृषि क्षेत्र का अपेक्षित विकास होगा।”