सुपौल में अंतरजातीय व दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत तीन दंपतियों को मिला 1-1 लाख का सावधि जमा प्रमाण पत्र, डीएम ने किया सम्मानित
पूरी खबर:
सुपौल। जिला प्रशासन ने सामाजिक समरसता और दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिलाधिकारी सावन कुमार ने मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दो विवाहित युगलों और मुख्यमंत्री निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत एक विवाहित दिव्यांग युगल को 1-1 लाख रुपये के सावधि जमा योजना प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सरकार का प्रयास
बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य समाज में जाति प्रथा और दहेज प्रथा जैसे कुप्रथाओं को कमजोर करना तथा अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत ऐसे विवाहित जोड़े, जिनमें से कम-से-कम एक बिहार का निवासी हो और जिन्होंने विवाह की तिथि से दो साल के भीतर आवेदन किया हो, उन्हें वधू के नाम से 1 लाख रुपये का सावधि जमा प्रमाण-पत्र दिया जाता है। तीन वर्ष बाद वधू उक्त राशि को ब्याज सहित निकाल सकती है।
इसके लिए आवेदकों को विवाह निबंधन प्रमाण पत्र, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र संलग्न करके जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में आवेदन जमा करना होता है।
दिव्यांग दंपतियों के लिए विशेष योजना
मुख्यमंत्री निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना दिव्यांग व्यक्तियों को विवाह के पश्चात आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए चलाई जाती है।
यदि दंपति में से कोई एक दिव्यांग हो, तो उन्हें शासन की ओर से 1 लाख रुपये का सावधि जमा प्रमाण-पत्र दिया जाता है, जिसकी निकासी तीन वर्ष बाद ब्याज सहित की जा सकती है। इस योजना के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र सहित आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर आवेदन जमा करना होता है।
डीएम ने दी शुभकामनाएँ और उत्साह बढ़ाया
जिलाधिकारी सावन कुमार ने योजनाओं के लाभुक दंपतियों को प्रमाण-पत्र सौंपकर सम्मानित किया और उन्हें सुखद एवं समृद्ध वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि ये योजनाएँ सामाजिक समानता, सहयोग और समावेशी समाज निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि योग्य दंपति इन योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएँ और समाज में सकारात्मक बदलाव का हिस्सा बनें।