पटना। बिहार सरकार ने भूमि संबंधी मामलों के त्वरित समाधान के लिए बड़ी पहल की है। उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को अपने आवास पर ‘भूमि सुधार जन कल्याण संवाद’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर बड़ी संख्या में फरियादी पहुंचे और अपनी शिकायतें दर्ज कराईं।
फर्जी कागजात तैयार कराने वालों को चेतावनी
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि गलत तरीके से जमीन के कागजात तैयार कराने वाले किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि—
यदि किसी ने झूठे या फर्जी दस्तावेज के आधार पर दाखिल-खारिज, परिमार्जन, मापी या अन्य कार्य कराया है
और यदि किसी के पास इसका सबूत है
तो वह इसे उपलब्ध कराए। विभाग की विशेष टीम इसकी जांच करेगी, और जरूरत पड़ी तो उड़नदस्ता टीम मौके पर जाकर सत्यापन भी करेगी।
उन्होंने कहा कि फर्जी कागजात लगाकर विभाग और न्यायालय का समय बर्बाद करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पटना में सप्ताह में दो दिन होगा आयोजन, फिर सभी जिलों में
विजय सिन्हा ने बताया कि यह संवाद कार्यक्रम भूमि से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतों का ऑन-द- स्पॉट निपटारा भी किया जाएगा।
पटना से शुरुआत के बाद यह पहल हर जिले में चलाई जाएगी। एक चरण पूरा होने के बाद पटना में सप्ताह में एक या दो दिन वे स्वयं, प्रधान सचिव या अन्य पदाधिकारी बैठकर लोगों की समस्याएँ सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे।
गोपनीय तरीके से भी कर सकते हैं शिकायत
डिप्टी सीएम ने लोगों से अपील की कि वे किसी कर्मचारी या अधिकारी से विवाद न करें। यदि समस्या गंभीर हो, तो उन्हें गोपनीय तरीके से भी आवेदन देकर अवगत कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा—
“हम भौकाल नहीं बनाते। भौकाल से भय और बीमारी बढ़ती है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार सहकार और सरोकार से समस्याओं का समाधान करती है।”
भूमि विवादों का त्वरित समाधान होगा
डिप्टी सीएम के अनुसार दाखिल-खारिज, परिमार्जन, मापी, जन शिकायत, भूमि विवाद, अतिक्रमण और भूमि पोर्टल से जुड़ी सभी समस्याओं का तेजी से निपटारा किया जाएगा।
उन्होंने आमजन को सुझाव दिया कि किसी भी समस्या के लिए पहले अंचल और थाने, फिर एसडीओ और डीएम के पास शिकायत दें। यदि वहां भी समाधान नहीं मिलता है, तो मामला मंत्री स्तर पर निपटाया जाएगा।
सरकार की इस नई पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि आम लोगों की लंबे समय से लंबित जमीन संबंधी समस्याओं का समाधान अब अधिक तेज़ और पारदर्शी तरीके से होगा।