मधेपुरा के कुमारखंड थाना क्षेत्र के यदुवापट्टी में तीन साल पहले हुई हत्या के मामले में सोमवार को एडीजे-9 रघुवीर प्रसाद की अदालत ने तीन दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर उन्हें छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पीट-पीटकर कर मार डाला था
अपर लोक अभियोजक जयनारायण पंडित ने बताया कि, यह घटना 22 जनवरी 2022 को हुई थी। यदुवापट्टी निवासी लालो भगत की आरोपियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। हत्या का कारण मृतक के घर के पास स्थित एक अर्धनिर्मित पुस्तकालय पर आरोपियों का कब्जा था, जहां वे दुकान चला रहे थे। दुकान का कचरा लालो भगत के घर के सामने फेंकने को लेकर अक्सर विवाद होता रहता था।

इलाज के दौरान गई थी जान
घटना वाले दिन जब लालो भगत ने कचरा फेंकने का विरोध किया, तो लंकेश कुमार, हलेश्वर साह, रामचंद्र साह सहित चार-पांच लोगों ने उन पर हमला कर दिया। लोहे की रॉड और लाठी से की गई पिटाई में लालो भगत गंभीर रूप से घायल हो गए।
परिजनों ने उन्हें पहले कुमारखंड पीएचसी और फिर सिलीगुड़ी ले जाकर भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद मृतक के बेटे विशाल कुमार के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दायर किया और अदालत में कुल सात गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई। सभी साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर अदालत ने तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
सजा सुनाए जाने के बाद मृतक की पत्नी रंजना देवी ने अदालत के निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, उनके पति की निर्ममता से हत्या की गई थी, ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत का यह निर्णय समाज में अपराध के खिलाफ एक सख्त संदेश देगा और भविष्य में ऐसे अपराधों पर रोक लगाने में सहायक सिद्ध होगा। बचाव पक्ष की ओर से शंभूनाथ शर्मा ने बहस की।