जनता दरबार: क्या यही है सफलता का राज़?
पंचायत कार्यालय घनबेरिया गांव में स्थित है। चारों तरफ हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और सजावट इसे किसी बड़े कार्यालय से भी खूबसूरत बनाते हैं। सबसे खास बात यह है कि यहां रोजाना जनता दरबार लगता है। लोग अपनी समस्याओं को सीधे पंचायत में जाकर सुनाते हैं और उनका तुरंत समाधान किया जाता है। चाहे जमीन विवाद हो, पारिवारिक झगड़ा हो या सरकारी योजनाओं से जुड़ी परेशानी, अधिकांश मामले पंचायत स्तर पर ही निपट जाते हैं। यही वजह है कि गोपालपुर पंचायत के मामलों में शायद ही कभी पुलिस या कोर्ट की जरूरत पड़ती है।
कौन हैं जनता के भरोसेमंद नेता?
पंचायत की मुखिया मौसम कुमारी लगातार दो बार जनता का विश्वास जीत चुकी हैं। उनके पति पुरुषोत्तम सिंह भी लगातार तीन बार पैक्स अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। दोनों पति-पत्नी ने अपने विश्वास, ईमानदारी और मेहनत से पंचायत की पहचान और लोकप्रियता बनाई है। उनका पूरा गांव सम्मान करता है। इस दंपत्ति को लोग गांव के मुखिया से ज्यादा अपने अभिभावक के रूप में देखते हैं। मौसमी कुमारी और पुरुषोत्तम सिंह भी अपने गांव और ग्रामीणों की मदद के लिए हर पल उपलब्ध रहते हैं और किसी भी विवाद का निस्तारण निष्पक्ष, सरल और सम्मानित तरीके से किया जाता है। कोशिश ये रहती है कि जो भी फैसला हो, उसमें दोनों पक्ष संतुष्ठ हों।
क्या यही है आदर्श पंचायत का मॉडल?
गोपालपुर पंचायत आज न सिर्फ खैरा प्रखंड बल्कि पूरे जमुई जिले के लिए विकास और न्याय का आदर्श उदाहरण बन चुका है। पंचायत की सुचारू व्यवस्था और जनता के प्रति जिम्मेदारी ने इसे अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा का केंद्र बना दिया है।
क्या गोपालपुर पंचायत का ये मॉडल अन्य गांवों में सफल होगा?
गोपालपुर पंचायत दिखाती है कि अगर पंचायत स्तर पर सही नीतियां और जनता का भरोसा हो, तो छोटे-छोटे विवाद सुलझाए जा सकते हैं। पंचायत का यह मॉडल विकास, न्याय और सामाजिक विश्वास की मिसाल बन चुका है।