राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की प्रदेश उपाध्यक्ष और रुपौली की पूर्व विधायक बीमा भारती एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. इस बार उनके ऊपर मारपीट, मोबाइल छीनने और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगा है.
शिकायतकर्ता और बीमा भारती के पति अवधेश मंडल की दूसरी पत्नी गुड़िया मंडल ने भवानीपुर थाना में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है.
थार गाड़ी की चाभी को लेकर हुआ विवाद
गुड़िया मंडल के अनुसार, शनिवार शाम बीमा भारती अपने सहयोगियों के साथ भवानीपुर वार्ड 9 स्थित उनके घर पहुंचीं और गाड़ी (थार) की चाभी मांगने लगीं. जब गुड़िया ने जवाब दिया कि चाभी उनके पति अवधेश मंडल के पास है, तो बीमा भारती भड़क गईं और कथित रूप से भद्दी-भद्दी गालियां देने लगीं.
उन्होंने सियासी रसूख का हवाला देते हुए जान से मरवाने की धमकी दी. शिकायत में यह भी कहा गया है कि बीमा भारती के साथ मौजूद सहयोगियों- संजय कुमार, पंकज कुमार और बिजली कुमार ने हाथ पकड़कर जबरदस्ती मोबाइल फोन छीन लिया.
पहले भी लगाए मारपीट के आरोप
गुड़िया मंडल ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब बीमा भारती ने उनके साथ ऐसा किया हो. इससे पहले भी मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके सहयोगी अशोक शर्मा की बेटी गुड़िया शर्मा के साथ भी बीमा भारती ने चप्पल से मारपीट की और धमकी दी कि अगर वह दोबारा इस घर में आई, तो उसे जान से मरवा देंगी.
गुड़िया मंडल ने की इन आरोपों की पुष्टि
गुड़िया मंडल ने भी इन आरोपों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि बीमा भारती और उनके समर्थकों का व्यवहार काफी आक्रामक और अभद्र था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरी घटना रामचंद्र मंडल के इशारे पर हुई, जिसकी आपराधिक गतिविधियों की जांच होनी चाहिए.
बीमा भारती ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
इस पूरे मामले पर बीमा भारती ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि वे शनिवार को केवल थार गाड़ी लेने अपने घर गई थीं और उस वक्त भवानीपुर थाना के एसआई मनोज कुमार भी पुलिस बल के साथ वहां मौजूद थे. बीमा भारती ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है.
बीमा भारती की तस्वीर
पुलिस जांच में जुटी
इस संबंध में भवानीपुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने पुष्टि की है कि शिकायत आवेदन प्राप्त हुआ है और पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है. पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी.