अब फिर से पंचायत में ही जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनेगा। इसके लिए लोगों को अब प्रखंड कार्यालय की भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। सरकार ने नई योजना के तहत पंचायत भवन में पंचायत सचिव को रजिस्ट्रार बनाते हुए जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने का आदेश दिया है।
हालांकि, अब विलंब शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई है। इससे लोगों की जेब पर खर्च भी बढ़ जाएगा। बिहार सरकार ने 'बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 2025' को लागू कर दिया है। यह वर्ष 1999 में लागू पुराने नियमों को पूरी तरह बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विदित हो कि पहले प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी रजिस्टार हुआ करते थे और प्रखंड कार्यालय से ही जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता था। जहां जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन देना पड़ रहा था। इससे लोगों को कई दिनों तक प्रखंड कार्यालय तक भाग दौड़ करनी पड़ रही थी।
पिछले दिनों मुखिया संघ द्वारा इसका विरोध किया गया। सरकार से फिर से पंचायत में जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने की मांग की गई। इसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए नए नियम को लागू कर पंचायतों में जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने का निर्देश दिया है।
क्या कहते हैं पंचायत सचिव?
नए निर्देश के अनुसार जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने को लेकर विलब शुक्ल की राशि बढ़ा दी गई है। जीरो से 21 दिन के अंदर निशुल्क आवेदन लिया जाएगा, जबकि 22 दिन से 30 दिन के भीतर आवेदन देने पर 20 रुपये जुर्माना राशि देनी होगी। इसी प्रकार 31 दिन से एक साल तक के लिए 50 रुपये तथा एक साल से अधिक समय के लिए यह राशि सौ रुपये कर दी गई है। जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए विलंब शुल्क के साथ ही आवेदक को एसडीओ से अनुमति लेनी होगी। - राजकुमार राय, पंचायत सचिव भैसहा पंचायत
क्या कहते हैं अधिकारी?
आवेदकों को आवेदन लेकर इधर-उधर भटकना न पड़े, इसे लेकर सरकार ने पंचायत सरकार भवन में पंचायत सचिव को नियमित रहने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा जहां पंचायत सरकार भवन नहीं है, वहां निर्धारित स्थल पर पंचायत सचिव को रहना है, जहां आवेदक से जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन लिया जा सके। ऐसा नहीं होने पर पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदक को आवेदन के साथ पहचान संबंधी दस्तावेज भी देना होगा। इसके लिए पिता का आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि प्रमाणपत्र भी लगाना अनिवार्य होगा, ताकि उसके जन्म और स्थायी निवास का पता चल सके। - अजीत कुमार, बीडीओ डेहरी प्रखंड