Cyber Fraud: पूर्णिया में शातिर गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों के बायोमेट्रिक डेटा की चोरी करते थे. शातिर अपराधियों ने खाते से अवैध निकासी कर लाखों की संपत्ति बनाई है. पुलिस ने आधार अपडेट कराने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह के बदमाश को अरेस्ट किया है. ये लोग आधार अपडेट और मोबाइल नंबर लिंक करने के नाम पर लोगों को गुमराह करते थे और बायोमेट्रिक डेटा की चोरी कर खाते से अवैध निकासी करते थे, इसके साथ ही एक फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल करते थे. पुलिस ने गिरोह के मास्टर माइंड सुरज कुमार उर्फ सुरज राम को धर दबोचा है. गिरोह के मास्टर माइंड सुरज कुमार के एक साथी पुलिस को देखते ही मौके से फरार हो गया. वही गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
फर्जी वेबसाइट के जरिए करते थे धोखाधड़ी
गिरफ्तार मास्टरमाइंड की पहचान सुरज कुमार उर्फ सुरज राम के रूप में हुई है, जो नगर थाना के झुन्नी कला गांव का रहने वाला है. पुलिस ने शातिर को बनमनखी के जानकीनगर से गिरफ्तार किया है. साइबर थानाध्यक्ष डीएसपी चंदन कुमार ठाकुर ने बताया कि 8 जून 2025 को साइबर थाना पूर्णिया को सूचना मिली थी कि जानकीनगर थाना क्षेत्र में एक गिरोह लोगों के बैंक खातों से अवैध रूप से पैसे निकाल रहा है. जब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के आदेश पर टीम गठित कर जांच शुरू की गई, जांच में सामने आया कि नौलखी स्थित केशव कॉमन सर्विस सेंटर से आधार अपडेट और मोबाइल लिंक कराने के नाम पर लोगों की निजी जानकारी लेकर ठगी की जा रही है. जब साइबर थाना की टीम सेंटर पर पहुंची, तो संचालक केशव कुमार फरार मिला. तलाशी में मोबाइल लिंक से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किये गए है.
एप के जरिए निकालते थे पैसे
पुलिस की जांच में सामने आया कि फर्जी वेबसाइट के जरिए सुरज कुमार अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल रहा है. वह एक ग्रुप भी चला रहा था, जिसमें कई CSC सेंटर संचालक जुड़े हैं. ये लोग आधार जोड़ने और अपडेट करने के नाम पर लोगों का मोबाइल नंबर, फिंगरप्रिंट और खाता विवरण स्टोर कर लेते थे. फिर बाद में एप के जरिए पैसे निकाल लेते थे. सुरज कुमार के मोबाइल से वेबसाइट से जुड़ा वीडियो भी मिला है. गिरफ्तार सुरज कुमार के पास से पुलिस को फिंगर स्कैनर, मॉनिटर, सीपीयू, माउस, लैपटॉप, मोबाइल और आईडी मिला है. – मयंक भूषण की रिपोर्ट