भागलपुर जिला के एनएच-106 मिसिंग लिंक (30 किलोमीटर) बिहपुर से फुलौत तक कोसी नदी पर बन रहा पुल हरिओ के त्रिमुहान घाट के पास क्षतिग्रस्त हो गया. वोल्वो लोडर पर ले जा रहे सिगमेंट के दुर्घटना के क्रम में पुल का करीब 40 फीट हिस्सा आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हो गया.
आधी रात के बाद हुआ हादसा
इस पुल का निर्माण वर्ष 2026 तक पूरा होना है. समय पर पुल तैयार करने के उद्देश्य से दिन-रात लगातार युद्धस्तर पर यहां काम जारी है. इसी क्रम में रात के दो बजे के आसपास हरियो से दूसरे छोर फुलौत की ओर वोल्वो लोडर से सिगमेंट ले जाने के क्रम में वोल्वो लोडर का प्रेसर पंप टूट गया. जिसकी वजह से लोड सिगमेंट पुल को क्षति पहुंचाते हुए कोसी में समा गया.
क्षतिग्रस्त पुल
कैसे हुआ हादसा
हालांकि जब वोल्वो लोडर पर सिगमेंट को लोड किया जाता है तो कई जांच की प्रक्रिया होती है. सारी जांच के बाद वोल्वो लोडर को रवाना किया भी गया था.अचानक ही त्रिमुहान घाट से महज़ सौ डेढ सौ मीटर की दूरी पर नदी के किनारे ही वोल्वो लोडर का प्रेसर पाईप फट गया. तेज झटके के कारण सिगमेंट को बांधे रखने वाली रस्सी टूटी और सिगमेंट से पुल लगभग चालीस फीट तक क्षतिग्रस्त हो गया. गिरे हुए एक सिगमेंट के कारण पांच सिगमेंट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.इस दुर्घटना में किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नही है.
क्षतिग्रस्त पुल
पूर्व में भी हो चुकी है दुर्घटना
जहां हादसा हुआ, ठीक इसी जगह पर पूर्व में दो बड़ी घटना हो चुकी है.एकबार तो नदी में तैयार किया गया संपूर्ण पीलर ही नदी के तेज बहाव में ही ध्वस्त गया था.दूसरी बार फिर ठीक इसी जगह पीलर धंस गया गया था.इसके बाद अभियंताओं के सलाह के बाद यहां दो पीलर का निर्माण करवाया गया.
बिहार में यह सबसे बड़ा पुल होगा
लंबे समय से विचाराधीन रहे एनएच-106 मिसिंग लिंक (30 किलोमीटर) बिहपुर से फुलौत तक कोसी नदी पर बन रहे पुल का निर्माण हरिओ के त्रिमुहान घाट तक हो रहा है.इस परियोजना के तहत कोसी नदी पर 6.94 किलोमीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है.पुल के दोनों ओर 21.988 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है. वर्ष 2026 में इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.इस परियोजना को कुल 996 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री के द्वारा रखी गई थी आधारशिला
वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस मिसिंग लिंक के निर्माण की आधारशिला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखी गई थी.
उत्तरी और दक्षिणी बिहार के बीच होगा परिवहन सुलभ
बिहपुर से वीरपुर तक फोरलेन परियोजना के तहत बन रहे इस पुल से क्षेत्र में कनेक्टिविटी का विकास होगा.एक्सपर्ट्स की मानें तो पुल के निर्माण के बाद उत्तरी और दक्षिणी बिहार के बीच वाहनों से आना-जाना आसान हो जाएगा.फोरलेन पुल के दोनों ओर लगभग 22 किलोमीटर सड़क का कंस्ट्रक्शन भी साथ ही साथ हो रहा है.पुल निर्माण का कार्य मुंबई की कंपनी एफकॉन को सौंपा गया गया है.