बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है, उन्हीं में से एक पुलिस अधिकारी पर खुद इस कानून के उल्लंघन का आरोप लगा है. सारण जिले के जनता बाजार थाने में तैनात पुलिस अवर निरीक्षक अरविंद कुमार को शराब पार्टी आयोजित करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी छापेमारी
मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि अरविंद कुमार के दयालपुर रोड स्थित निजी आवास पर शराब पार्टी चल रही है. सूचना के आधार पर जब छापेमारी की गई, तो मौके से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया. ये सभी अरविंद कुमार के ही गांव के निवासी हैं. ब्रेथ एनालाइजर से जांच करने पर इन सभी के शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई.
29 जून से है फरार, मोबाईल भी स्विच ऑफ
चौंकाने वाली बात यह रही कि छापेमारी के समय अरविंद कुमार वहां मौजूद नहीं थे. वह 29 जून की सुबह से ही लापता हैं और उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ है. वरीय पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अरविंद कुमार को बिना सूचना ड्यूटी से अनुपस्थित रहने और मद्यनिषेध कानून के उल्लंघन का दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
एसपी ने दिए जांच के आदेश
एसपी ने विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं और अवर निरीक्षक से सात दिनों के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है. प्रथम दृष्टया मामला शराबबंदी कानून की अवहेलना और कर्तव्य में लापरवाही का प्रतीत होता है. इस घटना ने पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां कानून के रक्षक ही खुद कानून तोड़ते नजर आ रहे हैं.